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पंचायती राज चुनाव परिणाम पर बोले पूनिया-अन्य दलों और निर्दलीयों का प्रतिशत मिलाएंगे तो कांग्रेस सरकार के खिलाफ ही मैंडेट है

पंचायती राज चुनाव परिणाम को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि यह बहुत बड़ी जीत नहीं है. भाजपा, अन्य दलों और निर्दलीयों का प्रतिशत मिलाएंगे तो कांग्रेस सरकार के खिलाफ ही मैंडेट है.

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निर्दलीय और आरएलपी के भरोसे बनेगा बोर्ड

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Published : Sep 4, 2021, 4:12 PM IST

Updated : Sep 4, 2021, 11:15 PM IST

जयपुर. पंचायती राज चुनाव का परिणाम जारी होने के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने 6 जिलों के पंचायत समिति और जिला परिषद नतीजों पर कांग्रेस की ओर से मनाए जा रहे जश्न पर सवाल खड़े किए हैं.

पूनिया ने कहा कि राजस्थान में अभी तक जो परंपरा रही उसमें पंचायतीराज चुनाव में सत्ताधारी दल को एकतरफा बहुमत मिलता रहा है. उसे भाजपा के कार्यकर्ता अपने अथक परिश्रम से रोकने में कामयाब रहे. जिस ढंग से कांग्रेस इन नतीजों को प्रचारित कर रही है, वो बहुत बड़ी जीत नहीं है. ना यह भाजपा की हार है. पुनियां ने कहा कि किसानों और युवाओं ने कर्जा माफी और लंबित भर्तियों को लेकर वादाखिलाफी करने वाली गहलोत सरकार को सबक सिखाया है.

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इससे पहले भी जनता ने 21 जिलों के चुनावों में कांग्रेस को करारी शिकस्त दी थी. जिसमें कांग्रेस 5 में ही बोर्ड बना पाई और भाजपा को 14 जिलों में जीत का आशीर्वाद दिया था. पुनियां ने कहा 6 जिलों के जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों के जो नतीजे आए हैं. उससे यह नहीं कहा जा सकता है कि जनता ने कांग्रेस सरकार की नीतियों पर मुहर लगाई है. बल्कि भाजपा, अन्य दलों और निर्दलीयों का प्रतिशत मिलाएंगे तो कांग्रेस सरकार के खिलाफ ही मैंडेट है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस जोड़-तोड़ की राजनीति करती है. सरकारी मशीनरी व सत्ता का दुरुपयोग करती है. भाजपा के प्रत्याशियों को डराया धमकाया गया. झूठे केस दर्ज करवाए गए. इन हथकंडों को अपनाकर सभी 6 जिलों में जीतने का कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा दावा कर रहे थे, वो धूमिल हो गया. आने वाले विधानसभा चुनाव 2023 में प्रदेश की जनता कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर हमेशा के लिए विदाई कर देगी.

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अपने गढ़ में बहुमत नहीं दिला पाए पूनिया

पंचायत राज चुनाव में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया अपने ही विधानसभा क्षेत्र में आने वाली दो पंचायत समितियों में पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं दिलवा पाए. पिछले पंचायत राज चुनाव में आमेर और जालसू पंचायत समितियों में भाजपा का कब्जा था लेकिन अब यहां बोर्ड और प्रधान निर्दलीय और आरएलपी की मदद से ही बन पाएगा.

आमेर विधानसभा क्षेत्र में आने वाली इन दोनों ही पंचायत समितियों के चुनाव परिणाम पर सबकी निगाहें थीं क्योंकि यह क्षेत्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया का है. ऐसे में क्षेत्र में कमल वापस खिलने की उम्मीद पार्टी से जुड़े तमाम नेता व कार्यकर्ताओं को थी लेकिन परिणाम आशा के अनुरूप नहीं आ पाया. मौजूदा परिणामों में आमेर पंचायत समिति के 23 वार्डों में से भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही 11-11 सीटें मिली हैं जबकि 1 सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुआ है.

निर्दलीयों के समर्थन पर बनेगा बोर्ड

मतलब यहां निर्दलीय ने जिसको समर्थन दिया उसी का प्रधान और बोर्ड बनेगा. पिछले चुनाव में आमेर पंचायत समिति की 23 में से 12 सीट पर भाजपा का कब्जा था और 10 पर कांग्रेस का लेकिन सत्ता में तब भाजपा थी लिहाजा समर्थन भाजपा को मिला और प्रधान भी भाजपा का ही बना लेकिन अब स्थिति उलट है. प्रदेश में सत्ता में कांग्रेस काबिज है ऐसे में निर्दलीय का समर्थन संभवत कांग्रेस के खाते में जाने की ज्यादा संभावना दिख रही है.

इसी तरह जालसू पंचायत समिति के मौजूदा परिणाम में कुल 25 वार्डों में से 12 वार्ड में भाजपा को जीत मिली जबकि 9 वार्डों में कांग्रेस का हाथ मजबूत रहा लेकिन 3 वार्ड में निर्दलीय और 1 वार्ड में आरएलपी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. इस पंचायत समिति में स्पष्ट बहुमत के लिए भाजपा को कम से कम 13 वार्डो में जीत हासिल करनी थी. मतलब अब भी यहां अपना प्रधान और बोर्ड बनाने के लिए बीजेपी को या तो आरएलपी या फिर किसी एक निर्दलीय की मदद और समर्थन लेना ही होगा.

भाजपा ने यह कांग्रेस की तुलना में ज्यादा वार्डों में जीत तो जरूर हासिल की लेकिन स्पष्ट बहुमत इस पंचायत समिति में भी नहीं मिल पाया. पिछले चुनाव में जालसू पंचायत समिति में ही 25 में से 15 वार्डों में भाजपा ने जीत हासिल करते हुए यहां अपना बोर्ड और प्रधान बनाया था लेकिन इस बार इस पंचायत समिति में भाजपा का परफॉर्मेंस पिछले चुनाव की तुलना में कमजोर रहा.

Last Updated : Sep 4, 2021, 11:15 PM IST

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