जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लाॅकडाउन से प्रभावित 35 लाख जरूरतमंद परिवारों को एक हजार रुपए अनुग्रह राशि एक बार और देने का निर्णय किया है. इस पर 351 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसके साथ ही बैठक में पर्यटन और इससे जुडे़ उद्योगों को संबल देने के उद्देश्य से वित्तीय और गैर वित्तीय राहत उपायों का अनुमोदन किया गया. मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति, कृषि, सहकारिता से जुडे़ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर निर्णय लिए.
बैठक में कोविड-19 महामारी के कारण लाॅकडाउन से प्रभावित हुए 35 लाख बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अंत्योदय और भवन साथ ही अन्य संनिर्माण श्रमिक जिन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है और निराश्रित, असहाय, स्ट्रीट वेंडर्स सहित जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक संबल और तात्कालिक राहत देने के लिए एक हजार रुपए की अनुग्रह राशि एक बार और देने का महत्वपूर्ण निर्णय किया गया. इससे आजीविका की परेशानी झेल रहे इन परिवारों को राहत मिलेगी. राज्य सरकार ने पूर्व में भी लाॅकडाउन के दौरान इन परिवारों को 2500 रुपए की अनुग्रह राशि दी थी.
बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि कोविड-19 महामारी के कारण पर्यटन और होटल व्यवसाय व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है. यह सेक्टर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है. साथ ही इस क्षेत्र से लाखों लोगों की आजीविका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है. मंत्रिपरिषद ने राजस्थान निवेश प्रोत्साहन स्कीम-2019 के तहत पर्यटन, होटल और मल्टीप्लेक्स सेक्टर की इकाइयों को एक वर्ष के लिए अतिरिक्त लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके तहत वे इकाइयां पात्र होंगी, जो अपनी गतिविधि एक जुलाई, 2020 से 31 दिसम्बर, 2020 के बीच प्रारम्भ करेंगी और साथ ही जिनकी पात्रता अवधि 31 दिसंबर 2019 के बाद भी शेष है.
होटल और टूर ऑपरेटरों को SGST में राहत
पैकेज के अंतर्गत पर्यटन उद्योग (होटल और टूर ऑपरेटरों) द्वारा देय और जमा एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति की अवधि को तीन माह से आगे बढ़ाकर अब एक वर्ष (1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च, 2021)तक किया गया है. रिप्स में पर्यटन सेक्टर को अति प्राथमिकता क्षेत्र (थ्रस्ट सेक्टर) के रूप में शामिल किया जाएगा. इस प्रावधान से इस सेक्टर को रिप्स-2019 में देय सामान्य लाभ के अलावा ब्याज अनुदान और पूंजीगत अनुदान का अतिरिक्त लाभ मिल सकेगा.
सेवा शुल्क और आर्थिक किराया एकमुश्त जमा कराने पर उद्योगों को ब्याज में 100 फीसदी छूट
मंत्रिपरिषद ने उद्योगों को राहत देने के लिए रीको के माध्यम से करीब 220 करोड़ रुपए के राहत पैकेज का भी अनुमोदन किया है. इसके तहत 31 दिसंबर 2020 तक सेवा शुल्क और आर्थिक किराए की राशि एकमुश्त जमा करवाने पर ब्याज में शत-प्रतिशत की छूट, आवंटित भूखंड पर गतिविधि प्रारंभ करने के लिए दी गई अवधि में हुई देरी के नियमितिकरण पर लगने वाले प्रभार में छूट मिल सकेगी.
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इसी प्रकार जिन भूखंडों पर गतिविधि प्रारंभ करने की अवधि एक मार्च 2020 से 30 सितंबर 2020 तक समाप्त हो रही है. उन्हें एक वर्ष अतिरिक्त समय देने पर लगने वाले प्रभार में छूट दी जाएगी. सफलतम बोलीदाता को भूमि की कीमत की 25 प्रतिशत राशि जमा करवाने के लिए ब्याज रहित और ब्याज सहित समयावधि बढ़ाने, भूमि की बकाया 75 प्रतिशत प्रीमियम राशि 120 दिन में जमा करवाने के लिए 90 दिन की अतिरिक्त ब्याज रहित समय वृद्धि, इस प्रीमियम राशि को किस्तों में भुगतान की समय सारिणी में अतिरिक्त समय वृद्धि और ब्याज में छूट 31 दिसंबर 2020 तक के लिए दी जाएगी.
रीको के राहत पैकेज से 29 हजार परिवारों को मिल सकेगा लाभ
लीज डीड निष्पादित कराने की 90 दिन की अवधि में बिना शास्ति के अतिरिक्त समय वृद्धि, वर्षा जल पुनर्भरण संरचना निर्माण नहीं किए जाने की स्थिति में एकमुश्त देय शास्ति की राशि में छूट, आवंटित भूखंड का भौतिक कब्जा लिए जाने की अवधि में वृद्धि, भूखंड के उप विभाजन और हस्तांतरण पर लगने वाले शुल्क में छूट, रीको के द्वारा नीलामी के माध्यम से आवंटित किए जाने वाले भूखंडों की 75 प्रतिशत बकाया राशि जमा करवाने के लिए वर्तमान में 3 या 7 किस्तों के स्थान पर 11 किस्तों की सुविधा प्रदान करते हुए ब्याजदर में 3 प्रतिशत की कमी के प्रावधान शामिल हैं. इन प्रावधानों से करीब 29 हजार परिवार लाभान्वित होंगे.
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