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देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का जानें महत्व...

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व होता है. हिन्दू धर्म में इस दिन तुलसी पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन तुलसी विवाह और पूजन किया जाता है. तुलसी विवाह करने से विशेष पुण्य लाभ मिलता है.

देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह, Tulsi marriage on Dev Uthani Ekadashi
तुलसी विवाह का जानें महत्व

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Published : Nov 24, 2020, 5:56 PM IST

जयपुर.कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी है. हिन्दू धर्म में देवउठनी ग्यारह पर तुलसी पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन तुलसी विवाह और पूजन किया जाता है. तुलसी विवाह करने से विशेष पुण्य लाभ मिलता है.

तुलसी विवाह का जानें महत्व

ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि, जिन घरों में बेटी नहीं होती वो परिवार अपने घर की दहलीज को कंवारी नहीं रखना चाहते, इसलिए तुलसी विवाह करते है. देवउठनी ग्यारह पर शुभ मुहूर्त में भगवान शालिग्राम के साथ तुलसी विवाह होता है. इस बाकायदा यज्ञ-हवन कर पूजा की जाती है और फिर दान-पुण्य का दौर चलता है.

तुलसी पूजन की बात करें तो तुलसी माता को पहले महंदी, मौली धागा, फूल, चंदन, सिंदूर, अक्षत, मिष्ठान, पूजन सामग्री और सुहाग के सामान की वस्तुएं भेंट करें. फिर तुलसी जी की परिक्रमा करें और उन्हें बाकायदा लाल रंग की चुनरी ओढ़ाकर 108 दीप जलाएं.

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साथ ही शादी-ब्याह के जो भी शगुन होते है, वो तुलसी विवाह में भी किए जाते है. कहते है कि, 56 भोग भगवान को अर्पण करें, लेकिन उसमें तुलसी नहीं है तो प्रसाद अधूरा माना जाता है. इसलिए तुलसी का महत्व बहुत अधिक है और जीवन में एक बार तुलसी का विवाह हर घर में जरूर आयोजित करें.

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