जयपुर. इस्लामी साल यानी मुहर्रम की शुरुआत हो चुकी है और इस महीने में होने वाली मजलिसों पर कोरोना का साया मंडराने लगा है. कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए मोहर्रम पर होने वाली मजलिस अब ऑनलाइन होगी.
इस्लामी साल के पहले महीने की शुरुआत होने के साथ ही राजस्थान में 10 दिन तक अलग-अलग संस्थाओं की तरफ से मजलिस होती थी और हजरत इमाम हुसैन की याद में कर्बला का वाकया भी सुनाया जाता है. लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना का साया पूरे विश्व में है. इसलिए इस बार यह तमाम मजलिसें कहीं नहीं हो पाएंगी.
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कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए यह तमाम मजलिस ऑनलाइन करवाने का फैसला लिया गया है. सुन्नी दावते इस्लामी संस्था के मुफ्ती खालिद अयूब मिस्बाही ने बताया कि जो शहादत की मजलिसे हुआ करती थी. वह इस बार लॉकडाउन होने की वजह से नहीं हो पाएगी. इसके कारण हमने ऑनलाइन मजलिस का सेटअप तैयार किया है. उन्होंने बताया कि सुन्नी दावते इस्लामी संस्था की तरफ से उसके ऑफिशियल चैनल इसे लाइव दिखाएगा. इसके अलावा तमाम प्रोग्राम है जो पहले मस्जिदों में नजर आए करते थे वे तमाम यूट्यूब पर नजर आएंगे.
मुफ्ती खालिद अयूब मिस्बाही ने बताया कि हम लोग पूरी उम्मीद करते हैं कि जो भी हमारे जायरीन है वह ऑनलाइन चैनल पर काफी ज्यादा जुड़ेंगे. जिस तरह से पहले हिदायत दी जाती थी और वह तमाम काम भी इस बार किए जाएंगे. बता दें कि सुन्नी दावते इस्लामी संस्था की तरफ से रमजान के महीने में भी ऑनलाइन प्रोग्राम का आयोजन किया गया था.