जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और आरपीएससी सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि जब प्रदेश में कृषि विषय से बीएड कोर्स ही नहीं होता है तो कृषि व्याख्याता भर्ती के लिए इस विषय में बीएड को अनिवार्य शर्त क्यों माना गया है. न्यायाधीश संगीत राज लोढ़ा और न्यायाधीश महेन्द्र कुमार गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश दीपक कुमार और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी और अधिवक्ता धीरल पालिया ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने 13 अप्रैल 2018 को कृषि व्याख्याता के 370 पदों के लिए भर्ती निकाली, जिसमें एमए के साथ बीएड की पात्रता रखी गई. जबकि प्रदेश में कृषि संकाय में बीएड ही नहीं होती, जिसके कारण याचिकाकर्ता भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो रहे हैं.