जयपुर. जालौर में मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान को लात मारने वाले एसडीएम के तबादले के बाद ब्यूरोक्रेसी सक्रिय भी सक्रिय हो गई है. धौलपुर जिला कलेक्टर ने एसडीएम का बचाव करते हुए 21 सेकेंड का एक वीडियो ट्वीट कर सवाल उठाया है कि क्या गलती एसडीएम की है या किसान की? क्या आत्मसुरक्षा में एसडीएम के द्वारा बचाव में कार्रवाई की गई? देखें और निर्णय करें. जयसवाल के इस वीडियो ट्वीट को लोगों ने दूसरे 30 सेकेंड का पूरे वीडियो के साथ ट्रोल कर दिया है. जिसमे कहा गया है कि आईएएस जयसवाल अधूरी जानकारी के साथ बचाव कर रहे हैं और लोगों को गुमराह भी.
दरअसल जालौर क्षेत्र में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे हाईवे के लिए अवाप्त जमीन पर उचित मुआवजे की मांग कर रहे किसानों को रोकते समय हाथापाई में एसडीएम के किसान को लात मारने का वीडियो वायरल हो गया था. किसान भारत माला प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे थे और मुआवजे को लेकर ना खुश थे. प्रापतपुरा गांव के किसानों ने प्रोजेक्ट का कार्य रुकवा दिया. इस दौरान मौके पर तैनात एसडीएम की किसानों के साथ कहासुनी हो गई. मौके पर पुलिस बल भी मौजूद था जिन्होंने की ग्रामीणों को हटाने का प्रयास किया. जहां हाथापाई में एसडीएम ने भी किसान को लात मार दी.
इस मामले में राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया जिसके बाद एसडीएम भूपेंद्र यादव का ग्रामीणों ने विरोध किया. घटना को लेकर किसानों में रोष को देखते हुए सरकार ने देर रात एसडीएम भूपेंद्र यादव को सांचोर से हटाते हुए उनका तबादला जोधपुर विकास प्राधिकरण में उपायुक्त पद पर कर दिया. इसके बाद किसानों की नाराजगी तो कम हो गई लेकिन ब्यूरोक्रेसी इस तबादले को लेकर नाखुश नजर आ रही है. यही वजह है कि धौलपुर जिला कलेक्टर आईएएस आरके जयसवाल ने सोशल मीडिया के जरिए इस घटना का एक 21 सेकंड का वीडियो डालकर आम जनता से निर्णय लेने और सच जानने की बात कही है.