जयपुर. निगम एक लोकतंत्र का मंदिर है. ग्रेटर निगम में जो हुआ वो पहली दफा नहीं. नगरीय निकाय, जिला परिषद और उच्च स्तर पर विधायिका में भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी के बीच ऐसा होता है. ये कहना है आईएएस महेंद्र सोनी का. ग्रेटर नगर निगम में चल रही उठापटक के बीच मंगलवार को महेंद्र सोनी ने बतौर आयुक्त पद भार (IAS Mahendra Soni took charge) ग्रहण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि किन्हीं कारणों से कुछ घटनाक्रम हो सकते हैं, उनको देखा जाएगा. लेकिन पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कुछ भी नहीं किया जाएगा. कार्यों को उनकी गुणवत्ता और मेरिट के अनुरूप ही देखा जाएगा. जिससे सामंजस्य भी बढ़े. सभी का ऑब्जेक्टिव आम जनता के कार्यों को करना ही है, ऐसे में कोई निजी अहंकार नहीं होना चाहिए.
ग्रेटर नगर निगम में हुई साधारण सभा की बैठक में कमिश्नर यज्ञमित्र सिंह देव के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास होने के अगले ही दिन मंगलवार को वो रिलीव हो गए. हालांकि यज्ञमित्र का ट्रांसफर पहले ही हो चुका था, लेकिन वो अब तक रिलीव नहीं हुए थे. वहीं आयुक्त का चार्ज संभालने वाले आईएएस महेंद्र सोनी ने पत्रकारों से मुखातिब होते निगम में चल रहे कार्य की अधिकारियों से ब्रीफिंग लेकर राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप आगे बढ़ाने की बात कही.
उन्होंने कहा कि नगर निगम के लिए सफाई कार्य प्राथमिक विषय है. शहर की सूरत भी इसी से निर्धारित होती है. इसके अलावा अतिक्रमण हटाना, विकास कार्य में शामिल सड़क, सीवर, नालियां और हरियाली को बढ़ाना भी निगम की प्राथमिकताओं में शामिल है. लेकिन फिलहाल सबसे पहले प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत 1 मई से दोबारा कैंप शुरू होंगे. इन कैंप में आमजन के ज्यादा से ज्यादा कार्य कराने का प्रयास रहेगा.