जयपुर.राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को पुलिस और अपराधियों के आपसी गठजोड़ की बात उठी और यह बात भी किसी और ने नहीं बल्कि सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह ने उठाई. जो खुद पिछली गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके हैं. इतना ही नहीं भरत सिंह ने जो आरोप लगाए उन आरोपों को कोटा से ही आने वाले गहलोत सरकार में मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में स्वीकार किया और माना कि कोटा में अपराधियों और पुलिस के बीच गठजोड़ है.
विधानसभा में गूंजा कोटा पुलिस का मुद्दा (पार्ट-1) सांगोद विधायक ने रखा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
दरअसल, राजस्थान विधानसभा में सांगोद विधायक भरत सिंह ने सांगोद में गुमशुदा बच्चे की मानव तस्करी के मामले पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा. जिस पर जवाब देते हुए मंत्री धारीवाल ने कहा कि 14 जून 2018 को भीमगंज मंडी, कोटा में फरियादी मोडू लाल ने अपने बच्चे गोपी के लापता होने की रिपोर्ट लिखवाई थी. इस मामले में मानव तस्करी यूनिट और पुलिस ने रेलवे स्टेशनों विमंदित केंद्रों पर इस बच्चे की तलाश की. मामले में जिन दो पुलिसकर्मियों बीरबल और शिवराज का नाम लिया जा रहा है, उनका नाम परिजनों ने ना तो एफआईआर में लिखवाया, नहीं बाद में अपने बयानों में. परिवादी के साली की लड़की मीना के हवाले से इन दोनों पुलिसकर्मियों के नाम लिखे गए.
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मंत्री धारीवाल ने दिया ये तर्क
मंत्री धारीवाल ने कहा मीना और उसका परिवार भीमगंज मंडी में रेलवे स्टेशन के बाहर भीख मांगता है और जेबतराशी की बढ़ती घटनाओं के चलते पुलिस इन को हटाती रहती है. इसी के चलते शिवराज और बीरबल को मीना पहचानती है और हो सकता है इसी रंजिश के चलते वह बीरबल और शिवराज का नाम ले रहे हो. इस बालक को स्वर्ण मंदिर एक्सप्रेस में 1 वेंडर ने भी देखा था, जिसकी गवाही पर संदेह नहीं किया जा सकता, क्योंकि उस दिन उसका जुर्माना भी रेलवे ने काटा था. इस पूरे मामले में अपहरण की कोई बात सामने नहीं आई है गुमशुदा बालक की तलाश जारी है.
विधानसभा में गूंजा कोटा पुलिस का मुद्दा (पार्ट-2) विधायक भरत सिंह ने राजस्थान से गायब बच्चों के आंकड़े बताएं
इस पर कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने कहा कि भारत सरकार की रिपोर्ट के अनुसार 2014 से 2019 के बीच में 3 लाख18 हजार 748 बच्चे गुम हुए हैं. जिनमें से 6175 राजस्थान से गायब है, भारत सरकार की रिपोर्ट में इसमें मानव तस्करी की बात की आशंका जताई गई है. विधायक भरत सिंह ने इस मामले में कोटा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस मामले में पुलिस के लगातार संपर्क में है, लेकिन बस इतना कहना चाहते हैं कि जिस कोटा जिले से मैं और मंत्री धारीवाल जी आते हैं उस जिले में पुलिस और अपराधियों के बीच गलत काम करने को लेकर जबरदस्त गठजोड़ है और कई अपराधियों से पुलिस का गठजोड़ देखा गया है.
मंत्री शांति धारीवाल ने स्वीकारा अपराधियों के साथ गठजोड़
सदन में भरत सिंह ने कहा कि बच्चों को लेकर जाते हुए जो वीडियो था, वह उन्होंने खुद ने देखा है और जिस जिले में अपराध में पुलिस के लोग जुड़े हो वहां आखिरी बार दो कांस्टेबल के साथ अगर गायब हुए बच्चे को देखा गया है. ऐसे में यह मामला ज्यादा गंभीर हो जाता है और इस मामले में मानव तस्करी का पुलिस के साथ संबंध भी हो सकता है. ऐसे में इस मामले की जांच जरूरी है. इस पर मंत्री शांति धारीवाल ने स्वीकार किया कि कोटा शहर और कोटा जिले में पुलिस कर्मियों का अपराधियों के साथ गठजोड़ देखने को मिला है, यह मैं खुद स्वीकार करता हूं और गोवा में पुलिसकर्मियों का अपराधियों के साथ मिलना भी सही है, लेकिन जिन दो पुलिसकर्मियों बीरबल और शिवराज पर अपहरण के आरोप लग रहे हैं वह दोनों कांस्टेबल पुलिस में आउटस्टैंडिंग है और इन्होंने जीवाणु को पकड़ने के साथ ही भीमगंज मंडी में ज्वेलर हत्याकांड मामले को 3 दिन में खोल दिया था, आरोप लगाने वाले भिखारी हैं और भीमगंज मंडी में ही भीख मांगते है हो सकता है कि यह उनको वहां से भगाने के लिए मोटरसाइकिल पर साथ बैठा कर ले कर गए हो और जो वीडियो बना हो वही आपने देखा हो.
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पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट
जिसपर विधायक भरत सिंह ने फिर अपनी ही सरकार को घेरते हुए कहा कि जिस आउटस्टैंडिंग पुलिस की आप बात कर रहे हो, गोवा में मिले पुलिसकर्मियों में भी एक आउटस्टैंडिंग पुलिसकर्मी था. उन्होंने आरोप लगाया कि आउटस्टैंडिंग लोगों में गलत काम करने की आउटस्टैंडिंग शक्ति होती है, लेकिन इसके बाद भी मंत्री धारीवाल ने इस मामले में पुलिस कर्मियों को क्लीन चिट दी.