जयपुर.पिछले दिनों काम के अधिक दबाव के चलते जयपुर के एसएमएस अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर ने खुदकुशी कर ली थी. इसके बाद से ही लगातार एसएमएस प्रशासन पर रेजिडेंट डॉक्टरों पर काम का अतिरिक्त भार डालने के आरोप लग रहे थे. बता दें कि इसे लेकर रेजिडेंट डॉक्टर भी विरोध दर्ज करवा चुके हैं. इस बीच मानव अधिकार आयोग ने भी इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएमएस प्रशासन से 27 जून तक रिपोर्ट तलब की है.
मानव अधिकार आयोग ने अपने संज्ञान में कहा कि एसएमएस रेजिडेंट डॉक्टरों को 20-20 घंटे काम करना पड़ रहा है. इस दौरान रेजिडेंट डॉक्टर को अस्पताल का स्टाफ भी पूरी सहायता नहीं करता है. जिसके चलते बार-बार झगड़े होते रहते हैं, न ट्रॉली मेन सुनते हैं और ना वहां का फोर्थ क्लास स्टाफ सुनता है.
रेजिडेंट डॉक्टरों को फार्म भरने से लेकर रोगियों का हर काम करना पड़ता है. ऊपर से सीनियर भी धमका के काम का प्रेशर डालते हैं .आयोग ने माना है कि सवाई मानसिंह अस्पताल में हर वर्ष 40 लाख मरीज पहुंचते हैं. अस्पताल में डॉक्टर, रेजिडेंट डॉक्टर से स्टाफ आदि के साथ विवाद झगड़े और मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं. ऐसे में सवाई मानसिंह अस्पताल आयोग के समक्ष रिपोर्ट पेश करें.
आयोग ने मांगी यह जानकारी -
- सवाई मानसिंह चिकित्सालय में 30 जून 2019 से पूर्व 2 वर्ष में आउटडोर इनडोर में कितने मरीज पहुंचे, उसकी जानकारी उपलब्ध कराएं.
- 30 जून 2019 से पहले के 2 वर्ष में रेजिडेंट डॉक्टर प्रत्येक अस्पताल के अनुसार कितने संख्या में कार्यरत हैं.