जयपुर: राजधानी में इन दिनों साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसा कर उनके मोबाइल पर अलग-अलग प्रकार की रिमोट एप्लीकेशन डाउनलोड करवा कर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. इस बार साइबर ठगों ने मानवाधिकार आयोग के डिप्टी रजिस्ट्रार को अपना निशाना बनाया और उनके खाते से रिमोट एप्लीकेशन के जरिए 56 हजार रुपए की राशि निकाल ली.
मानवाधिकार आयोग के डिप्टी रजिस्ट्रार साइबर ठगी का शिकार! रिमोट एप्लीकेशन के जरिए चाही मदद, लग गया 56 हजार का चूना - साइबर ठगी
जयपुर में साइबर ठगी की खबरें हर दूसरे दिन सुर्खियां बन रहीं हैं. अब इस ठगी का शिकार मानवाधिकार आयोग के डिप्टी रजिस्ट्रार हुए हैं. शातिर खिलाड़ियों ने उन्हें झांसा देकर 56 हजार ऐंठ लिए. पीड़ित ने वैशाली नगर थाने में शिकायत दर्ज करा दी है.
Sextortion और साइबर ठगी के मामलों में बेतहाशा वृद्धि, लगाम लगाने के लिए पुलिस ने किया ये काम!
इस संबंध में मानवाधिकार आयोग के डिप्टी रजिस्ट्रार 50 वर्षीय संग्राम करणावत ने वैशाली नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई है. शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि पीड़ित को अपना फोन पे अकाउंट इस्तेमाल करने में कुछ तकनीकी समस्या आ रही थी. जिस पर पीड़ित ने गूगल पर फोन पे का टोल फ्री नंबर सर्च किया और वहां पर दिए गए नंबर पर फोन कर समस्या बताई.
ऐसे दिया झांसा: पीड़ित ने जिस नंबर पर फोन किया वह फोन पर का टोल फ्री नंबर ना होकर ठगों का नंबर था और ठगों ने समस्या को दूर करने के लिए पीड़ित को उसके मोबाइल पर एक रिमोट एप्लीकेशन टीम व्यूवर क्विक सपोर्ट डाउनलोड करने के लिए कहा. ठगों के झांसे में आकर पीड़ित ने रिमोट एप्लीकेशन अपने फोन में डाउनलोड कर ली और फिर उसके बाद ठागों ने उस एप्लीकेशन के जरिए पीड़ित के खाते से 56 हजार रुपए का ट्रांजैक्शन कर लिया. खाते से हुए ट्रांजैक्शन का मैसेज मोबाइल पर आने के बाद पीड़ित को ठगी का पता चला और पीड़ित ने वैशाली नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मोबाइल नंबर और ट्रांजैक्शन डिटेल के आधार पर जांच करना शुरू कर दी है.
रिमोट एप्लीकेशन से ठगने का एक और मामला भी वैशाली नगर थाने में ही दर्ज हुआ है. यहां एक 60 साल के बुजुर्ग किशन सिंह से रेलवे टिकट में तारीख बदलवाने के नाम पर 1.48 लाख रुपए ठग लिए. यहां भी बुजुर्ग से रिमोट एप्लीकेशन डाउनलोड करवा खाते से 1.48 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन कर लिया.