जयपुर. कोरोना संक्रमण के बीच आकाशीय बिजली भी आफत बनकर गिर रही है. बिहार और उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफान और वज्रपात से अब तक 108 लोगों की जान जा चुकी है. इतनी बड़ी तादात में आकाशीय बिजली से हुई मौतों से देशभर के लोगों में एक डर सा है. आइये आपको बताते हैं आकाशीय बिजली से बचाव और सावधानियां, जो आपको बरतनी चाहिए.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (एनडीआरएफ) की ओर से बताए गए तरीकों के अनुसार इसकी चपेट में अधिकतर वे लोग आते हैं, जो खुले आसमान और हरे पेड़ के नीचे होते हैं या फिर जो पानी-बिजली और मोबाइल टावर के नजदीक रहते हैं.
बिजली कड़कने के दौरान अपनाएं ये उपाय :
- घर के भीतर हों तो बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहें.
- खिड़कियां व दरवाजे बंद रखें.
- बरामदे और छत से भी दूर रहें.
- ऊंची इमारतों वाले क्षेत्रों में आश्रय ना लें.
- बिजली चमकते समय पेड़ के नीचे ना खड़े रहें.
- अगर आप समूह में हैं, तो अलग-अलग हो जाएं.
- बिजली के खंभों से दूर ही रहें.
- विद्युत उपकरणों का उपयोग ना करें.
- मोबाइल व टेलीफोन का उपयोग नहीं करें.
- जंगल में होने पर निचले स्थान या घाटी क्षेत्र में रहें
- किसी पहाड़ी की चोटी पर खड़े ना रहें.
- वज्रपात से बचाव के लिए भवन के ऊपर तड़ित चालक लगवाएं.
कैसे पता चलता है बिजली गिरेगी
यदि आकाशीय बिजली चमक रही है और अपके सिर के बाल खड़े हो जाएं और शरीर कंपन करने लगे तो आपके आस-पास यह खतरा हो सकता है. ऐसी स्थिति में नीचे झुकर कान बंद कर लें, बालों को ढक कर सिर को घुटनों में छुपा लें. और पैरों तले जमीन पर बैठ जाएं. इससे जमीन के साथ कम से कम संपर्क रहेगा और संभावित खतरा टल सकता है. साथ ही दोनों एड़ी को तिरछा मिलाकर बैठ जाएं.
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क्यों कड़कती है बिजली
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो जब बादल आकाश में बड़ी मात्रा में एक साथ चलते हैं तो उनमें घर्षण होता है. इससे बिजली उत्पन्न होती है और अर्थिंग के लिए नीचे जमीन पर गिरती है. हाई वोल्टेज होने के कारण इससे जान-माल के नुकसान का खतरा रहता है.
तड़ित चालक क्यों है जरूरी
अक्सर आपने देखा होगा कि ऊंची इमारतों में अर्थिंग करवाई जाती है. यह प्रक्रिया तड़ित चालक से ही होती है. जिन जगहों पर बिजली गिरने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं. वहां भवनों और ऊंची इमारतों पर तड़ित चालक लगाए जाते हैं. यह एक धातु की चालक छड़ होती है, जिससे आकाशीय बिजली संपर्क में आकर सीधे धरती में चली जाती है. इससे नुकसान होने का खतरा टल जाता है.