जयपुर.दिवाली के त्योहार पर सबसे अधिक सोने और चांदी की खरीद होती है. दिवाली के मौके पर सोने और चांदी के आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है लेकिन यदि आप सोने या चांदी के आभूषण खरीद रहे हैं तो सरकार की ओर से इनकी गुणवत्ता भी तय करने के कुछ मानक बनाए गए हैं. भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से सोने और चांदी की शुद्धता को हॉलमार्क के जरिए प्रमाणित किया जाता है.
भारतीय मानक ब्यूरो की प्रमुख कनिका कालिया का कहना है कि भारत सरकार की ओर से 16 जून 2021 से देश के जयपुर समेत 256 जिलों में सोने के आभूषण पर बीआईएस हॉल मार्क को अनिवार्य कर दिया गया है.
सोने की शुद्धता कैसे जाने मौजूदा समय में बाजार में 14, 18, 20, 22, 23 और 24 कैरेट के हॉल मार्क करे हुए आभूषण बेचने का नियम है. ऐसे में सरकार की ओर से बनाए गए हॉल मार्क सेंटर्स से प्रमाणित होने के बाद ही कोई भी सराफा कारोबारी सोना बेच सकता है. कनिका कालिया का कहना है कि हॉल मार्क सोने और चांदी के आभूषणों पर लगाए जाने वाली आधिकारिक मुहर है और यह हॉल मार्क ही सोने और चांदी की गुणवत्ता को प्रमाणित करता है.
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ऐसे में कई बार सोना और चांदी की खरीद में ठगी के मामले देखने को मिलते हैं. जिसे लेकर कनिका कालिया का कहना है कि ग्राहक सोने और चांदी की ज्वेलरी की खरीद करने से पहले आभूषण विक्रेता के रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र की जांच अवश्य करें और केवल भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा रजिस्टर्ड ज्वेलर्स ही हॉल मार्क किए हुए आभूषण बेच सकते हैं.
सोने की शुद्धता कैसे जाने ऐसे पहचानें हॉलमार्क
असली हॉल मार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है. ऐसे में उपभोक्ता जो भी ज्वेलरी खरीदें उस पर निशान अवश्य देखें. वहीं ठगी से बचने के लिए हर ज्वेलरी पर 6 डिजिट का अल्फा न्यूमेरिकल नंबर लिखा होता है. ऐसे में आभूषण खरीदते समय उसकी जांच जरूर करें जैसे 22 कैरेट सोने के लिए 22K916, 14 कैरेट के लिए 14K583 आदि. कोई भी ज्वेलरी खरीदते समय उसका पक्का बिल अवश्य लेना चाहिए. जिससे बाद में शुद्धता संबंधित शिकायत होने पर कार्रवाई आसानी से की जा सके.