जयपुर. ऊर्जा मंत्री रहते हुए डॉ. बी.डी. कल्ला को बिजली कंपनियों के बढ़ते घाटे, बिजली की बढ़ती छीजत और चोरी, बजट में घोषित कृषि के लिए अलग से बिजली कंपनी बनाने की घोषणा जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. अब यह विभाग भंवर सिंह भाटी के पास है, जिन्हें इन चुनौतियों से निपटने के लिए काफी पसीना बहाना पड़ेगा.
नए विभाग की जिम्मेदारी के साथ चुनौतियां भी कई है लेकिन नए ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी (Energy Minister Bhanwar Singh Bhati ) कहते हैं कि सब को साथ में लेकर इन चुनौतियों से निकलेंगे. भाटी के अनुसार किसानों को और आम उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराना उनकी पहली प्राथमिकता है और डिस्कॉम (discom) के घाटे को दूर करने के लिए भी वे भरसक प्रयास करेंगे.
बिजली विभाग के सामने ये हैं चुनौतियां
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कल्ला के कार्यकाल में बिजली संकट, लेकिन घटी छीजत
पूर्व ऊर्जा मंत्री डॉ बी.डी. कल्ला के कार्यकाल में भी ये चुनौतियां खड़ी थी. निपटने के लिए उन्होंने भरसक प्रयास भी किया. हालांकि बिजली कंपनियों का घाटा कम नहीं हुआ. पिछले कार्यकाल में कोयले की कमी (shortage of coal) के चलते बिजली संकट (power crisis) का भी सामना करना पड़ा. हालांकि किसानों को दिन में बिजली (electricity to farmers during the day ) देने की योजना के तहत 16 जिलों में अच्छा काम हुआ. लेकिन फंड की कमी के चलते अन्य जिलों में अब तक के काम ठंडा पड़ा है. पिछले 3 साल के कार्यक्रम में बिजली की छीजत (power wastage) में कुछ कमी जरूर आई लेकिन कल्ला चाहकर भी ज्यादा कुछ सुधार नहीं कर पाए.