जयपुर.गुलाबी नगरी को स्मार्ट सिटी बनाए जाने की मंशा पर कोरोना वायरस के बादल मंडरा रहे हैं. संक्रमण फैलने की आशंका के कारण जहां एक ओर परकोटे में चल रहे 390 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के काम बंद हो गए तो वहीं 1000 करोड़ रुपए के 55 परियोजनाओं के विकास कार्यों के आधे-अधूरे प्लान तैयार हो पाए हैं. इनमें 26 परियोजनाओं के 279 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के टेंडर कोरोना वायरस के कारण अटक गए. इसके अलावा 29 परियोजनाओं के 732 करोड़ रुपए अभी तय नहीं हो पाए हैं कि आखिर इस राशि को स्मार्ट सिटी के तहत कहां पर खर्च किया जाएं. जबकि अब संबंधित कंसलटेंसी कंपनी के पास अगस्त महीने तक का समय ही बचा है.
उधर, शहर के बड़े प्रोजेक्ट देख रहे जेडीए के सामने भी द्रव्यवती नदी, एलिवेटेड रोड और रिंग रोड की क्लोवरलीफ के लिए जमीन अधिग्रहण करना बड़ी चुनौती बना हुआ है. हालांकि लॉकडाउन में शिथिलता आने के बाद झोटवाड़ा आरओबी और सोडाला एलिवेटेड रोड का काम शुरू हो गया है. लेकिन लेबर की कमी के चलते इसे फुल फ्लैश नहीं कहा जा सकता. हालांकि हाउसिंग के काम में कच्ची बस्तियों को शिफ्ट करने का जो कार्य था, उन्हें अभी टच नहीं किया जा रहा.
जेडीए सचिव अर्चना सिंह ने बताया कि बगराना, जय सिंह पुरा खोर, फौजी कच्ची बस्ती वाले फ्लैट के रेनोवेशन का कार्य किया गया है. स्थिति सामान्य होने पर यहां लोगों को शिफ्ट किया जाएगा. जबकि सुखाड़िया और प्रियदर्शिनी नगर योजना की लॉटरी लॉकडाउन पीरियड में निकाली जानी थी, जिसको एक्सटेंड किया गया है.