जयपुर. कोरोना महामारी ने पूरे देश में कोहराम मचाया हुआ है. हर व्यक्ति इससे बचने में लगा है. वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो न सिर्फ महामारी से खुद का बचाव कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं. लोगों को शुद्ध प्राणवायु मिल सके, इसके लिए संक्रमण के दौर में भी ये लोग राजधानी के 200 किलोमीटर क्षेत्र में लगे पेड़ पौधों को संभाल रहे हैं. यही नहीं शहर के 90 पार्कों को भी संवारा. यही नहीं जिन पेड़ों का शहरीकरण की वजह से दम घुट गया, अब उन्हें भी आजाद कर रहे हैं.
कई बड़े शहरों में वृक्ष शहरीकरण और विकास की भेंट चढ़ जाते हैं. कभी रोड चौड़ी करने के लिए तो कभी किसी कंस्ट्रक्शन के नाम पर वृक्षों को काट दिया जाता है, या फिर उनका दम घोंट दिया जाता है. ऐसे पौधों को बचाने के लिए ये लोग निरंतर प्रयास कर रहे हैं.
पक्के निर्माण से वृक्षों को कराया जा रहा आजाद
जयपुर में भी विकास के साथ-साथ सड़कों का निर्माण और फुटपाथ का काम हुआ. ऐसे में सड़कों के किनारे प्राकृतिक रूप से जो वृक्ष पनपे, उनके चारों तरफ पक्का निर्माण हो गया. जिसके कारण इन पेड़-पौधों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और पानी नहीं मिल पा रहा. हालांकि अब इन पेड़ों के पास किए गए पक्के निर्माण को हटाते हुए सुव्यवस्थित ढंग से निर्माण किया जा रहा है, ताकि ये पौधे बेहतर ढंग से पुष्पित और पल्लवित हो सकें.