जयपुर. सैन्य अस्पताल जोधपुर में बुधवार से मॉलिक्यूलर बायोलॉजिकल प्रयोगशाला ने अपना काम करना शुरू कर दिया है. इस प्रयोगशाला में कोविड-19 रोग के निदान और उसकी पुष्टि के लिए रैपिड एंटीजन परीक्षण और RT-PCR परीक्षण दोनों तरीके की जांच हो सकेगी.
हाईटेक बायोलॉजिकल मॉलिक्यूलर प्रयोगशाला प्रयोगशाला को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अधिकृत किया है. सैन्य अस्पताल जोधपुर आईसीएमआर की ओर से अनुमोदित बायोलॉजिकल मॉलिक्यूलर प्रयोगशाला वाला पहला जोनल सैन्य अस्पताल बन गया है. यह प्रयोगशाला लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पूरी के निर्देशन में बनी है, जिसमें कोविड-19 के निदान के लिए जांच और उपचार करने की क्षमता है.
इस प्रयोगशाला से वायरोलॉजी, ट्यूमर, पैथोलॉजी, हेमेटोलॉजिकल विकारों और अन्य संक्रामक रोगों से संबंधित अनुसंधान करने के लिए दरवाजे खुल गए हैं, जो एम्स जोधपुर AFMC पुणे और NIV पुणे जैसे अन्य प्रमुख संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा.
अस्पतालों और कोविड-19 सेंटरों पर ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा बढ़ाई जाएगीः रघु शर्मा
प्रदेश में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसको लेकर प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालय और मेडिकल काॅलेज से संबद्ध अस्पतालों में जल्द ही आक्सीजनयुक्त बेड में बढ़ोतरी की जाएगी. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि सरकार का पूरा जोर कोरोना से होने वाली मृत्युदर को कम करने पर है. ऐसे में रात में आक्सीजन का सेचुरेशन कम होने के कारण मरीजों को ज्यादा परेशानी आती है, ऐसे में सभी अस्पतालों में प्रशिक्षित नर्सिंगकर्मी और स्टाफ लगाने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि रात्रिकालीन ड्यूटी देने वाले नर्सिगकर्मियों को प्रोत्साहित करने पर भी विचार किया जा रहा है.