जयपुर.पिंकसिटी हमेशा गंगा-जमुनी तहजीब और कौमी एकता का मिसाल बनी है. रविवार को एक बार फिर जयपुर गंगा जमुना तहजीब की मिसाल बना, जिसे हर किसी ने सराहा. जयपुर की एक मुस्लिम बेटी नेहा अंजुम की शादी रविवार को हुई. खास बात यह थी कि यह शादी हिंदू समाजसेवियों ने करवाई है.
जयपुर शहर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में नेहा अंजुम के पिता हनीफ खान की भी मौत हो गई थी. हनीफ खान की बड़ी चौपड़ पर हुए विस्फोट में मौत हुई थी. अब तक समाजसेवियों ने शहर में 2008 में बम विस्फोटों में मारे गए लोगों की 7 बेटियों की शादी कार्रवाई है. नेहा अंजुम की शादी के बाद ये आठवीं शादी थी, जिसमें समाजसेवियों ने अपनी भागीदारी निभाई है.
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ये शादी गंगा-जमुनी तहजीब की एक मिसाल बन गई. वहीं वर-वधु को आशीर्वाद देने आए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि बरसों पहले जयपुर में बम ब्लास्ट हुए थे. जिसकी गूंज पूरे देश ने सुनी थी. कुछ लोग पीड़ित हुए थे और कुछ लोग अनाथ भी हो गए थे. हमारे समाजसेवियों ने जयपुर के प्रभावित हुए लोगों की पीड़ा को समझा और उनका साथ दिया. खासकर पीड़ितों की बच्चों की शादी करने में समाजसेवियों ने खास भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि हनीफ खान की पुत्री नेहा अंजुम की शादी हो रही है. इसमें रवि नैय्यर सहित कई हिंदू समाजसेवियों ने पूरा साथ दिया.
इस शादी से एक सकरात्मक संदेश दिया गया: पूनिया
सतीश पूनिया ने कहा कि नेहा अंजुम की शादी से एक सकारात्मक संदेश दिया गया है कि जाति, भेदभाव मजहब आदि से ऊपर उठकर सोचा जाए और यह शादी इसका अनूठा उदाहरण है. यदि इसी तरह से हम पीड़ित और कमजोर तबकों के साथ खड़े रहेंगे तो हमारे महापुरुषों ने जो हिंदुस्तान देखा था उसका सपना जरूर पूरा होगा.
पंजाबी महासभा की ओर से हुई इस शादी में सरकार की कोविड-19 गाइडलाइन का भी पूरा ध्यान रखा गया और बहुत कम लोगों ने इसमें शिरकत की. रवि नैय्यर ने कहा कि जिस तरह से पहली 7 शादियां हुई थी, उसी धूमधाम से नेहा अंजुम की भी शादी कराई गई है.