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प्रदेश की नहरी जल समस्याओं पर पंजाब सरकार का सकारात्मक रुख, इंदिरा गांधी नहरी तंत्र की रिलाइनिंग का काम जल्द होगा पूरा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह के साथ उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश की नहरी जल समस्याओं पर चर्चा की. गहलोत ने बैठक में हरिके बैराज से राजस्थान आने वाले प्रदूषित जल की समस्या के साथ ही कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. बैठक में पंजाब सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया.

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Published : Jul 25, 2019, 11:56 PM IST

पंजाब के सीएम के साथ गहलोत की उच्च स्तरीय बैठक

जयपुर/चंडीगढ़. सीएम अशोक गहलोत ने चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह के साथ गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक में इन्दिरा गांधी नहरी तंत्र से जुड़े पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों की वर्षों से लम्बित जल समस्याओं को प्रमुखता से उठाया. मुख्यमंत्री ने अमरिन्दर सिंह के साथ इन्दिरा गांधी फीडर, सरहिन्द फीडर एवं फिरोजपुर फीडर की रिलाइनिंग, हरिके पर स्थित इन्दिरा गांधी फीडर के हेड रेगुलेटर की क्षमता बढ़ाने तथा हरिके बैराज से राजस्थान आने वाले प्रदूषित जल की समस्या के साथ ही कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. बैठक में इस संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्णय हुए. इस दौरान अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार सकारात्मक रुख रखते हुए राजस्थान के हितों का पूरा ख्याल रखेगी.

वार्ता के दौरान गहलोत ने कहा कि हरिके हेड वर्क्स से निकलने वाले फिरोजपुर फीडर का डिजाइन डिस्चार्ज 11 हजार 192 क्यूसेक है. लेकिन इसकी लाइनिंग जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होने के कारण नहर की प्रवाह क्षमता करीब 10 हजार क्यूसेक ही रह गई है. इसके कारण राजस्थान की गंगनहर प्रणाली तथा भाखड़ा नहर प्रणाली को कम पानी मिल पाता है. इस पर बैठक में सहमति बनी कि पंजाब सरकार फिरोजपुर फीडर की रिलाइनिंग की डीपीआर तैयार कर शीघ्र केन्द्रीय जल आयोग को भेजेगी. रिलाइनिंग कार्य में होने वाले व्यय को दोनों राज्य अनुपातिक रूप से वहन करेंगे.

प्रदेश की नहरी जल समस्याओं पर पंजाब सरकार का सकारात्मक रुख

हेड रेगुलेटर की क्षमता बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार उठाएगी सकारात्मक कदम
मुख्यमंत्री ने बैठक में हरिके पर स्थित इन्दिरा गांधी फीडर के हेड रेगुलेटर की क्षमता 15 हजार क्यूसेक से बढ़ाकर 18 हजार 500 करने का आग्रह किया. रेगुलेटर की क्षमता बढ़ाने के बारे में दोनों राज्यों के अभियंताओं के संयुक्त निरीक्षण करने की सहमति बनी. पंजाब के मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि हेड रेगुलेटर की क्षमता बढ़ाने को लेकर पंजाब सरकार की ओर से सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे. इससे बरसात के दिनों में पाकिस्तान की तरफ व्यर्थ बहकर जाने वाले पानी का उपयोग किया जा सकेगा और प्रदेश के किसानों को सिंचाई के लिए अतिरिक्त पानी उपलब्ध हो सकेगा.

सरहिंद एवं राजस्थान फीडर की रिलाइनिंग का काम 2022 तक होगा पूरा
गहलोत ने पंजाब के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह पंजाब के क्षेत्र में इन्दिरा गांधी फीडर एवं सरहिन्द फीडर के रिलाइनिंग का कार्य जल्द कराया जाना सुनिश्चित करें ताकि सीपेज तथा सेम की समस्या से निजात मिल सके. इस पर पंजाब सरकार के अधिकारियों ने बताया कि सरहिंद फीडर के 20 किलोमीटर रिलाइनिंग का टेंडर प्राप्त हो गया है. शीघ्र ही इसे अंतिम रूप देकर काम शुरू कर दिया जाएगा. पंजाब सरकार ने विश्वास दिलाया कि पंजाब के क्षेत्र में पड़ने वाली सरहिंद तथा राजस्थान फीडर की रिलाइनिंग का पूरा काम वर्ष 2020 से 2022 तक चरणबद्ध रूप से एमओयू के अनुरूप पूरा कर दिया जाएगा. इससे राजस्थान को न केवल सरप्लस पानी बिना किसी बाधा के मिल सकेगा. बल्कि इंदिरा गांधी नहर के द्वितीय चरण के अंतिम छोर के क्षेत्रों जैसलमेर और बीकानेर में भी सिंचाई जल की उचित मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित होगी.

बुड्ढ़ा नाले के जल परिशोधन से होगा जल प्रदूषण की समस्या का समाधान
गहलोत ने बैठक में हरिके बैराज से राजस्थान की नहरों में प्रवाहित होने वाले प्रदूषित जल के मामले को उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदूषित जल के कारण राजस्थान में लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. पंजाब सरकार जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशों का पालन करे. इस पर पंजाब सरकार के अधिकारियों ने बताया कि लुधियाना शहर से गुजरने वाले बुड्ढ़ा नाले के कारण सतलज नदी का पानी दूषित होता है. बुड्ढ़ा नाले के परिशोधन के लिए पंजाब सरकार एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. जिसके तहत वहां औद्योगिक अपशिष्ट के शोधन के लिए 105 एमएलडी क्षमता के तीन सीईटीपी बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही 194 एमएलडी पानी के शोधन के लिए एक ट्रीटमेंट प्लांट का टेंडर आमंत्रित किया गया है. जिस पर दिसम्बर महीने तक काम शुरू हो जाएगा और दो साल में यह कार्य पूर्ण हो जाएगा.

बैठक में पंजाब के जल संसाधन मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया, राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, शासन सचिव जल संसाधन नवीन महाजन, पंजाब सरकार के मुख्य सचिव करण अवतार सिंह, मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेट्री सुरेश कुमार तथा जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव सर्वजीत सिंह सहित अन्य उच्चाधिकारी मौजूद थे.

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