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हाईकोर्ट सुनवाई : ट्रेंड डॉक्टर्स के अभाव में वेंटिलेटर्स का उपयोग नहीं होने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - Ventilator use case High Court in Karauli

राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली सहित अन्य स्थानों पर प्रशिक्षित चिकित्साकर्मियों के अभाव में पीएम केयर फंड से आए वेंटिलेटर का उपयोग नहीं होने पर मुख्य सचिव, प्रमुख चिकित्सा सचिव और करौली कलक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

Ventilator use case High Court in Karauli
वेंटिलेटर्स का उपयोग नहीं होने पर हाईकोर्ट सख्त

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Published : May 10, 2021, 6:58 PM IST

जयपुर. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश अधिवक्ता विजय पाठक की जनहित याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि पीएम केयर फंड से गत वर्ष प्रदेश में वेंटिलेटर भेजे गए थे, लेकिन चिकित्सा विभाग की लापरवाही के चलते कई जिलों में इनका उपयोग नहीं हो रहा है.

वेंटिलेटर्स का उपयोग नहीं होने पर हाईकोर्ट सख्त

करौली जिला मुख्यालय पर 25 और हिंडौन उपखंड मुख्यालय पर 9 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं. लेकिन प्रशिक्षित चिकित्साकर्मी नहीं होने के चलते इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है. इसी तरह पाली जिले के भी करीब चालीस वेंटिलेटर उपयोग में नहीं आ रहे हैं.

वेंटिलेटर मिलने के बाद भी विभाग ने न तो इन्हें स्थापित करवाया और ना ही किसी चिकित्साकर्मी को इसके लिए प्रशिक्षण दिलाया. याचिका में कहा गया कि कारोना के हालात इतने भयावह है कि पिछले एक माह में करौली जिले में सौ से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा भरतपुर संभाग मुख्यालय पर दस वेंटिलेटर दो हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से निजी अस्पताल को किराए पर दिए गए हैं.

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इनसे निजी अस्पताल मरीजों से हजारों रुपए की वसूली कर रहे हैं. याचिका में गुहार की गई है कि वेंटिलेटर को शुरू करवाया जाए और सभी अस्पतालों के आईसीयू वार्ड में सीसीटीवी लगाए जाएं, ताकि आपात स्थिति में मरीज की मदद हो सके और उसके परिजनों को वास्तविक स्थिति का पता लग सके.

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