जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव, प्रमुख गृह सचिव, प्रमुख सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव और प्रमुख स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर पूछा है कि एसिड अटैक से पीडितों के कल्याण के लिए क्या किया जा रहा है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश शालिनी श्योराण की जनहित याचिका पर दिए.
जनहित याचिका में कहा गया कि एनसीआरबी के आंकडों के तहत वर्ष 2018 में एसिड अटैक की 228 घटनाएं हुई हैं. वहीं दूसरी ओर खुले बाजार में एसिड बिना किसी रोकटोक और पहचान उजागर किए बिना मिल रहा है. एसिड बेचने वाला न तो खरीदार का रिकॉर्ड रखता है और न ही एसिड खरीद का कारण पूछता है. दूसरी ओर विष अधिनियम,1919 के संबंधित नियम नहीं बनाने के कारण अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं हो रहे हैं.