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हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के लिए अलग से विंग बनाकर कार्रवाई के दिए आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने को लेकर सरकार को अलग विंग बनाने के आदेश दिए हैं. जो सिर्फ अतिक्रमण पर कार्रवाई करने वाली हो. साथ ही कहा कि अतिक्रमण हटाने के बाद पुनः अतिक्रमण करने वालों पर अभियोजन की कार्रवाई अमल में लाई जाए.

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Published : Oct 31, 2019, 8:49 PM IST

Rajasthan High Court, जयपुर न्यूज

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस कमिश्नर की सहायता से अलग विंग का गठन करे. यह विंग सिर्फ अतिक्रमण हटाने की ही कार्रवाई करे. इसके साथ ही अदालत ने जेडीए और निगम के जोन उपायुक्तों को कहा है कि वे समय-समय पर अपने जोन का कॉलोनीवार सर्वे कर अतिक्रमणों पर कार्रवाई करें. यदि अतिक्रमण हटाने के पुन: अतिक्रमण किया जाए तो अतिक्रमी पर अभियोजन की कार्रवाई अमल में लाई जाए.

अतिक्रमण हटाने के लिए अलग विंग बनाकर कार्रवाई के आदेश

न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश गृह निर्माण सहकारी समितियों की ओर से की जाने वाली धोखाधड़ी पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने सरकारिता रजिस्ट्रार से पूछा है कि अब तक कितनी समितियों ने अपनी ऑडिट करवा ली है. इसके अलावा कितनी समितियों को जेडीए या निगम में हस्तांतरित किया गया है. खंडपीठ ने एसीएस की ओर से मामले में गठित कमेटी को कहा है कि वह समय-समय पर जेडीए और निगम के कार्यों की समीक्षा करे.

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अदालत ने कहा है कि जेडीए और निगम में अतिक्रमण हटाने के लिए अलग से विंग है. जिसमें बडी संख्या में पुलिसकर्मी लगे हैं, लेकिन फिर भी अतिक्रमणों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है. कई गृह निर्माण सहकारी समितियां एक प्लॉट के कई पट्टे जारी कर जनता की मेहनत की कमाई ठग लेती हैं. सुनवाई के दौरान न्यायमित्र अनूप ढंड की ओर से कहा गया कि भूमाफियों के खिलाफ सैकडों मामले दर्ज होने के बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है.

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