जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मोती डूंगरी गणेश मंदिर के आसपास के प्रभावित दुकानदारों के पुनर्वास को लेकर गठित कमेटी को आदेश दिए हैं कि वह दस दिसंबर को इनके पुनर्वास की योजना पेश करे.
वहीं अदालत ने मुख्य सचिव को कहा है कि वह स्वायत्त शासन सचिव और निगम आयुक्त की इस कमेटी में एक न्यायिक अधिकारी को भी बतौर सदस्य शामिल करे. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.
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अदालत ने कमेटी को कहा कि वह प्रभावित दुकानदारों के दस्तावेजों और आपत्तियों को निस्तारण कर उसकी रिपोर्ट भी पेश करे. सुनवाई के दौरान स्वायत्त शासन सचिव भवानी सिंह देथा और निगम आयुक्त वीपी सिंह अदालत में पेश हुए. उनकी ओर से पुनर्वास योजना पेश करने को लेकर अदालत से समय मांगा गया.
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इस पर अदालत ने दस दिसंबर को योजना पेश करने को कहा है. वहीं प्रभावित दुकानदारों की ओर से अधिवक्ता विमल चौधरी ने अदालत को बताया कि कमेटी में न्यायिक अधिकारी नहीं होने के चलते कमेटी सरकारी बाबू स्तर का काम कर रही है. इसलिए कमेटी में न्यायिक अधिकारी का होना जरूरी है. इस पर अदालत ने मुख्य सचिव को कमेटी में एक न्यायिक अधिकारी को भी सदस्य के तौर पर नियुक्त करने को कहा है.