जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पूर्व प्राथमिक शिक्षक भर्ती-2018 (Pre Primary Education Teacher Recruitment 2018)में मेरिट में आने के बावजूद भी जम्मू-कश्मीर से एनटीटी करने के आधार पर नियुक्ति नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा (High court on NTT course holder selection in teachers job) है. अदालत ने इस संबंध में एसीएस महिला एवं बाल विकास, कर्मचारी चयन बोर्ड और एनसीटीई को नोटिस जारी किए हैं. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश प्रवीण कुमार अग्रवाल की याचिका पर दिए.
पूर्व प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2018: जम्मू-कश्मीर से NTT करने वालों को नियुक्ति नहीं देने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब - ETV Bharat Rajasthan News
पूर्व प्राथमिक शिक्षक भर्ती-2018 (Pre Primary Education Teacher Recruitment 2018) में मेरिट में आने के बावजूद अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं दी गई. राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की अभ्यर्थी ने बताया कि उसे इस आधार पर नियुक्ति नहीं दी गई कि उसने जम्मू-कश्मीर से एनटीटी पाठ्यक्रम का डिप्लोमा किया है. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा है
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से निकाली गई पूर्व प्राथमिक शिक्षक भर्ती में याचिकाकर्ता ने मेरिट में स्थान प्राप्त किया था. वहीं विभाग ने उसके दस्तावेज सत्यापन भी कर लिए. अंतिम परिणाम में याचिकाकर्ता को शामिल नहीं किया गया. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता का एनटीटी पाठ्यक्रम का डिप्लोमा जम्मू-कश्मीर से होने के चलते उसे नियुक्ति से वंचित किया गया है. जबकि जिस समय याचिकाकर्ता ने एनटीटी का डिप्लोमा किया था, उस समय जम्मू-कश्मीर में इस पाठ्यक्रम के लिए एनसीटीई की मान्यता की जरूरत नहीं थी. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से किए एनटीटी डिप्लोमा पूरे देश में मान्य हैं. इस संबंध में पूर्व में सुप्रीम कोर्ट भी दिशा-निर्देश दे चुका है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
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