राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

हाई कोर्ट ने करौली कलेक्टर को 3 माह में अतिक्रमण पर कार्रवाई करने के दिए निर्देश

हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते करौली कलेक्टर को 3 माह के अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए. याचिका में बताया गया था कि हिंडौन सिटी में मंडावर फाटक से वर्धमान नगर के बीच गैर मुमकिन रास्ते पर प्रभावशाली लोगों ने दोनों तरफ से रास्ते को बंद कर जमीन पर कब्जा कर लिया है. वहीं एक अन्य याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आरएसआरटीसी को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता को बिना चार्जशीट दिए निलंबित करने पर जवाब तलब किया है.

हाई कोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई, हाई कोर्ट ने करौली कलेक्टर दिए निर्देश, High court gave instructions to Karauli collector, Hearing on PIL in High Court
हाई कोर्ट में याचिका की सुनवाई

By

Published : May 20, 2020, 11:01 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली के हिंडौन सिटी में गैर मुमकिन रास्ते पर हुए अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए कलेक्टर को निर्देश दिए हैं. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता इस संबंध में अपनी विस्तृत शिकायत कलेक्टर को पेश करें और कलेक्टर उसका परीक्षण कर 3 माह में उचित कार्रवाई करें.

न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश जुगल चतुर्वेदी और अन्य की जनहित याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हाईकोर्ट के आदेश की पालना में ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल बनी हुई है.

ये पढ़ें:बीकानेर में भारतीय मजदूर संघ ने जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

याचिका में अधिवक्ता विनोद कुमार सिंघल ने अदालत को बताया कि हिंडौन सिटी में मंडावर फाटक से वर्धमान नगर के बीच गैर मुमकिन रास्ते पर प्रभावशाली लोगों ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से मिलीभगत कर दोनों तरफ से रास्ते को बंद कर जमीन पर कब्जा कर लिया है. अतिक्रमण हटाने को लेकर कलेक्टर और नगर परिषद में शिकायत दी गई. मामले में नगर परिषद ने जांच कमेटी भी बनाई, लेकिन आगे अब तक कोई कार्रवई नहीं हुई है. ऐसे में मौके से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कलेक्टर को 3 माह में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

हाईकोर्ट ने आरएसआरटीसी और अन्य को जारी किया नोटिस

राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएसआरटीसी और अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि याचिकाकर्ता को बिना चार्जशीट दिए निलंबित कैसे किया गया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता के निलंबन आदेश पर अंतरिम रोक भी लगा दी है. न्यायाधीश महेंद्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश सर्वेश्वर कुमार शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

ये पढ़ें:एमबीसी के लिए सामान्य और ओबीसी के पदों को कैसे किया कमः हाईकोर्ट

याचिका में कहा गया कि आरएसआरटीसी के स्टैंडिंग ऑर्डर, 1965 में प्रावधान है कि किसी भी कर्मचारी को निलंबित करने से पहले उसे चार्जशीट दी जाएगी. वहीं संबंधित कर्मचारी से निलंबन को स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. यदि उसके बाद भी रोडवेज संतुष्ट नहीं हो तो कर्मचारी को निलंबित किया जा सकता है. इसके बावजूद रोडवेज ने इस प्रावधान की पालना किए बिना ही गत 20 फरवरी को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को निलंबित कर दिया. ऐसे में निलंबन आदेश को अवैध घोषित कर दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निलंबन आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details