जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर की ओर से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित पायलट गुट के 17 विधायकों को दिए अयोग्यता नोटिस के मामले में जल्द सुनवाई का प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया (MLAs disqualification notice case in court) है. इसके साथ ही अदालत ने याचिका पर सुनवाई नवंबर माह के तीसरे सप्ताह में रखी है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश मोहनलाल नामा की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए. कोर्ट ने आरसीए चुनाव मामले में लगाई अंतरिम रोक को 14 नवंबर तक बढ़ा दिया है.
मोहनलाल नामा की ओर से अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता की वजह से प्रदेश का काम बाधित हो रहा है. सरकार का पूरा ध्यान इसी ओर रहता है. कोर्ट को विधानसभा अध्यक्ष की नोटिस के संबंध में वैधानिकता तय करनी है. जिस पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए. जिसका याचिकाकर्ता विधायक पीआर मीना के अधिवक्ता ने विरोध करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लंबित है. ऐसे में हाईकोर्ट को फिलहाल मामले पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए. इस पर कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पर रोक नहीं होने का हवाला देते हुए नामा का प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए नवंबर के तीसरे सप्ताह में याचिका सूचीबद्ध करने के आदेश दिए.
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मामले के अनुसार राजस्थान हाईकोर्ट ने 24 जुलाई, 2020 को आदेश जारी कर विधानसभा स्पीकर की ओर से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित अन्य विधायकों को 14 जुलाई, 2020 को दिए अयोग्यता नोटिस की क्रियान्विति पर यथास्थिति के आदेश दिए थे. इसके साथ ही अदालत ने मामले में विभिन्न संवैधानिक बिंदुओं पर सुनवाई के लिए याचिका को लंबित रखा था.