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Congress councillors Allegations: अपने ही बोर्ड से खफा कांग्रेस के पार्षद, कहा- विधायकों की चल रही दादागिरी - Congress councillors Allegations on MLAs intervening in Nigam

हेरिटेज नगर निगम में कांग्रेस पार्षदों की सुनवाई नहीं हो रही है. उनका आरोप है कि विधायकों को निगम में दखल बेहद ज्यादा (Congress councillors Allegations on MLAs intervening in Nigam) है. अधिका​री पार्षदों की बात नहीं सुनते. निगम का बजट ​भी बिना चर्चा सरकार को भेज दिया गया. उनका कहना है कि य​दि विधायकों को ही निगम चलाना था, तो निगम चुनाव करवाने की क्या जरूरत ​थी.

Heritage Nagar Nigam congress councillor allegations on MLAs
हेरिटेज नगर निगम में कांग्रेस पार्षदों की सुनवाई नहीं हो रही है

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Published : Mar 12, 2022, 6:30 PM IST

Updated : Mar 12, 2022, 11:04 PM IST

जयपुर.हेरिटेज नगर निगम में कांग्रेस पार्षद अपने ही बोर्ड और विधायकों की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं हैं. यही वजह है कि अब ये पार्षद खुलकर मुखर हो रहे (Heritage Nagar Nigam congress councillor allegations on MLAs) हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद उमर दराज ने तो ये तक कह दिया कि यदि विधायकों को ही नगर निगम चलाना था, तो निगम का चुनाव कराया ही क्यों? यदि इसी तरह विधायकों की दादागिरी चलेगी, अपने हाथ में कंट्रोल रखेंगे, तो फिर पार्षदों को घर बैठा कर नगर निगम भंग कर दो.

हेरिटेज नगर निगम में विपक्ष तो क्या कांग्रेस के पार्षदों की भी सुनवाई नहीं होने से आक्रोश बढ़ता जा रहा है. वहीं बजट पर चर्चा किए बिना सीधे अनुमोदन के लिए राज्य सरकार को भेजे जाने से रोष और बढ़ गया है. इसे लेकर कांग्रेस के पार्षद अब खुलकर सामने भी आने लगे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षदों उमर दराज ने कहा कि हाल में तो ठेकेदारों ने हड़ताल कर दी. लेकिन इसे बदकिस्मती कहें या सरकार की कमजोरी मानें कि पहली बार सरकार उनकी, बोर्ड उनका, बावजूद इसके बजट पास नहीं कर सके. इससे बड़ी लानत की बात और कोई नहीं हो सकती.

पने ही बोर्ड से खफा कांग्रेस के पार्षद

उन्होंने कहा कि हेरिटेज निगम पिछला बजट ही पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं कर पाया. जिसका एक बड़ा कारण है कि निगम के पास कोई इनकम सोर्स नहीं और सरकार भी मदद नहीं कर रही. पहली बार तो जयपुर हेरिटेज में कांग्रेस का बोर्ड बना और इसमें भी यदि कांग्रेसी पार्षद ही परेशान हैं और जब पार्षद क्षेत्र में विकास ही नहीं करा सकेगा, तो किस हक से वोट मांगने जाएगा. उन्होंने कहा कि वह पिछले 20 साल से लगातार निगम में पार्षद हैं. लेकिन आज तक किसी भी विधायक ने नगर निगम के काम में हस्तक्षेप नहीं किया. वर्तमान में ये समझ नहीं पा रहे कि यदि विधायकों को ही नगर निगम चलानी थी, तो निगम का चुनाव कराया ही क्यों, प्रशासनिक राज ही कर देते. यदि इसी तरह विधायकों की दादागिरी चलेगी, अपने हाथ में कंट्रोल रखेंगे तो फिर पार्षदों को घर बैठा कर नगर निगम भंग कर दो.

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वहीं कांग्रेस को समर्थन देने वाले निर्दलीय पार्षद जाहिद निर्बान ने कहा कि पार्षद निगम में चक्कर लगा रहा है. वार्ड में काम हो नहीं रहा और अधिकारी मनमानी कर रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि अधिकारी किसके दबाव में काम नहीं कर पा रहे हैं, ये पता नहीं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, हेरिटेज निगम में बोर्ड कांग्रेस का है, फिर भी काम नहीं हो रहे.

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उधर, पार्षदों के सवालों का जवाब देते हुए महापौर ने कहा कि 15 फरवरी तक बजट भेजना जरूरी था, इसलिए ये कदम उठाया गया. जहां तक साधारण सभा की बात है, तो जल्द बैठक बुलाई जाएगी. वहीं निगम की बिगड़ी आर्थिक स्थिति के सवाल पर उन्होंने कहा कि फायर एनओसी, पार्किंग, डेयरी की मदों में वसूली को लेकर निर्देश दिए गए हैं. साथ ही यूडी टैक्स पर भी फोकस है. हालांकि राज्य सरकार से मिलने वाला चुंगी पुनर्भरण कम आने और इसकी तुलना में कर्मचारियों की संख्या ज्यादा होने से परेशानी बनी हुई है. यदि अब रेवेन्यू जनरेट नहीं किया तो निगम कोई भी काम करने में सक्षम नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि जिन प्लॉट को ऑक्शन के लिए लगाया था, वो भी नीलाम नहीं हो पाए. अब ठाठर योजना से उम्मीद है.

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इससे पहले कांग्रेस की वरिष्ठ पार्षद सुनीता मावर भी कह चुकी हैं कि बोर्ड बनने के बाद उनका सम्मान तो नहीं हुआ, मेयर मुनेश गुर्जर उनका विदाई समारोह ही कर दें. क्योंकि मेयर ने बजट भी बिना चर्चा किए सीधे सरकार को भेज दिया. पार्षदों से पूछा तक नहीं गया. उन्होंने कहा था कि निगम में 100 पार्षदों की जगह 100 रोबोट ही खरीद लेते.

Last Updated : Mar 12, 2022, 11:04 PM IST

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