जयपुर. राजधानी के गलता गेट थाना इलाके में बुधवार देर रात इनकम टैक्स अधिकारी बनकर करोड़ों की डकैती की वारदात को अंजाम दिया गया. इसके बाद लोगों (Loot cases in Jaipur) के मन में सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. साथ ही यह सवाल भी है कि अगर कोई इनकम टैक्स अधिकारी बनकर घुसने का प्रयास करे तो उसकी पहचान कैसे हो और उसके बाद हम क्या कर सकते हैं. ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जाए या इससे कैसे बचा जाए, इन सवालों को लेकर ईटीवी भारत की टीम पहुंची पूर्व पुलिस अधिकारी राजेंद्र सिंह शेखावत के पास. शेखावत ने इन सवालों के जवाब भी दिए और बचाव के तरीके भी बताए.
घर आने वाला हर व्यक्ति इनकम टैक्स अधिकारी नहीं हो सकता:आयकर कर्मचारी महासंघ के महासचिव सियाराम स्वामी ने बताया कि जयपुर में इनकम टैक्स के नाम पर डकैती की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. आयकर विभाग की टीम जब कार्रवाई के लिए करदाता के पहुंचती है, तो टीम के सदस्य सबसे पहले अपना परिचय देते हैं. अपना आई कार्ड भी दिखाते हैं. इसके बाद जिस व्यक्ति के नाम से वारंट होता है, उसके बारे में जानकारी ली जाती है. करदाता से आग्रह किया जाता है कि दो स्वतंत्र गवाह बुला लें ताकि स्वतंत्र गवाह की उपस्थिति में आयकर विभाग की कार्रवाई शुरू की जाए.
आयकर विभाग की टीम जब कार्रवाई के लिए किसी के घर या अन्य ठिकाने पर जाती है तो टीम के साथ पुलिस और आरएसी के जवान भी मौजूद रहते हैं. आयकर विभाग की टीम सामान्य तौर पर ऐसा नहीं पूछती है कि आपके पास कितना धन है, नकदी और ज्वेलरी कहां पर है. आयकर विभाग की टीम के सदस्य करदाता के बयान दर्ज करते हैं. बयान के समय ही धन के बारे में बातें पूछी जाती हैं. आयकर टीम के नाम से आने वाले फर्जी लोगों से सावधान रहना चाहिए. अपने घर के बाहर सीसीटीवी कैमरा लगवाने चाहिए. सीसीटीवी से आने जाने वाले का पता चल जाता है और धोखाधड़ी से बचा जा सकता है.
डोर आई और डोर कैमरा लगा करें सुरक्षा:पूर्व पुलिस अधिकारी राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि सबसे पहले लोगों को अपने घर का दरवाजा किसी भी अनजान व्यक्ति के लिए नहीं खोलना चाहिए. घर पर आने वाले व्यक्ति से उसका नाम, पता और आने का कारण अवश्य पूछना चाहिए. शेखावत ने बताया कि लोग अपने घरों पर डोर आई का प्रयोग करें जिसके जरिए दरवाजे के उस पार खड़े व्यक्ति का चेहरा देखा जा सकता है.