जयपुर. राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों की ओर से इजाद की गई इलाज की नई तकनीकी से अब तक बड़ी संख्या में मरीजों की जान बचाई जा चुकी है. हाल ही में एसएमएस अस्पताल के कार्डियो थोरोसिस एंड वैस्कुलर सर्जरी डिपार्टमेंट की ओर से 6 साल के एक छोटे बच्चे का हार्ट ऑपरेशन किया गया. वह एक दुर्लभ बीमारी टोसिंग बिंग यानी दिल में छेद से पीड़ित था और अस्पताल के चिकित्सकों ने इस जन्मजात विकृति को मात्र एक छोटे से चीरे से ऑपरेट किया और बच्चा अब बिल्कुल स्वस्थ है.
मामले को लेकर एसएमएस अस्पताल के कार्डियो थोरोसिस एंड वैस्कुलर सर्जरी डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. अनिल शर्मा का कहना है कि सामान्यतः ओपन हार्ट सर्जरी के दौरान सीने की हड्डी को काटा जाता है. लेकिन अब बिना हड्डी काटे हार्ट के अलग-अलग ऑपरेशन किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि काफी समय पहले SMS अस्पताल में भी ओपन हार्ट सर्जरी सीने की हड्डी को काट के की जाती थी.
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डॉक्टर शर्मा ने एक किस्सा बताते हुए कहा कि काफी साल पहले एक लड़की की ओपन हार्ट सर्जरी उन्होंने की थी, इस दौरान छाती पर एक बड़ा चीरा लगाया गया. लेकिन इस चीरे के कारण लड़की का विवाह होना मुश्किल हो गया तो ऐसे में हार्ट के ऑपरेशन के लिए एक नई तकनीकी उनके और उनकी टीम ने इजाद किया. अब बिना छाती की हड्डी काटे हार्ट सर्जरी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में की जा रही है.
शर्मा का कहना है कि इस तकनीक के बाद काफी कम खर्चे में और काफी कम समय में मरीज के हार्ट का ऑपरेशन संभव हो पाया है. तकनीक कामयाब होने के बाद अब छोटे बच्चों में भी सिर्फ छोटा सा चीरा लगाकर हार्ट का ऑपरेशन किया जा रहा है. अब तक 60 से अधिक दिल की बीमारी से पीड़ित छोटे बच्चों को नया जीवनदान डॉ अनिल शर्मा और उनकी टीम ने दिया है. इसके अलावा इस तकनीकी की सहायता से एक हजार से अधिक व्यस्कों का इलाज किया गया है.
छोटे चीरे से सर्जरी के मुख्य फायदे:डॉ. अनिल शर्मा का कहना है कि छोटे चीरे से जब मरीज का ऑपरेशन किया जाता है तो यह काफी कम खर्चीला होता है. इसके अलावा यह सर्जरी पारम्परिक उपकरणों की सहायता से की जा सकती है. इसके लिए बहुत अत्यधिक खर्च और विशिष्ट उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती है.
- बेहतर कॉस्मेटिक परिणाम
- सर्जरी के दौरान कम खून की आवश्यकता
- छाती की हड्डी काटने से होने वाले इन्फेक्शन का कोई खतरा नहीं
- तुलनात्मक कम खर्च या कम लागत
- कोई अतिरिक्त जांघ में चीरा नहीं
- मिनिमल इनवेसिव सर्जरी के दौरान जांघ में केन्युलेशन से होने वाले दुष्परिणामों से मुक्ति, पैरों में रक्त अवरोध से होने वाले नुकसान का कोई खतरा नहीं.