जयपुर. कोटा जिले के मंडाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने के बाद बच्ची की मौत का मामला सामने आया है. इस बारे में प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि जब बच्ची को अस्पताल लाया गया, तो वहां चिकित्सक उपस्थित थे. बच्ची की घर ले जाने के बाद हालत बिगड़ी और उसके बाद उसकी मौत (Health minister statement on Kota girl death) हुई.
दरअसल कोटा जिले के मंडाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार नहीं मिलने का मामला सामने आया था. परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा था कि चिकित्सक ने फोन पर ही कंपाउंडर को दवा लिखने को कह दिया. जिसके बाद दवा देने से बच्ची को रिएक्शन हुआ और उसकी मौत हो गई. जब इस बारे में चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब परिजन अस्पताल में बच्ची को लेकर पहुंचे, तो वहां चिकित्सक मौजूद था. अस्पताल से ही मरीज को दवाई दी गई. मंत्री का कहना है कि घर पहुंचने के बाद बच्चे की हालत बिगड़ी और कोटा ले जाते वक्त उसने दम तोड़ दिया. मंत्री ने यह भी कहा कि यदि परिजन उसे वापस उसी अस्पताल में लेकर आते, तो वहां इलाज की सुविधा उपलब्ध थी.