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शहरों के अस्पतालों का दबाव कम करने के लिए CHC पर उपलब्ध कराई जाएंगी कोरोना चिकित्सा सुविधाएं: चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा - राजस्थान न्यूज

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि शहरों के अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के दबाव को कम करने के लिए प्रदेश के 350 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोरोना संक्रमितों के उपचार की व्यवस्था की जा रही है. इन सीएचसी पर आक्सीजन सिलेंडर, आक्सीजन कंसंट्रेटर और अन्य जरूरी दवाओं की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.

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सीएचसी पर कोरोना चिकित्सा सुविधाएं

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Published : May 18, 2021, 3:16 PM IST

जयपुर. शहरों के बाद अब प्रदेश के गांवों में भी कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं. इसी बीच चिकित्सा विभाग ने दावा किया है कि उनकी ओर से गांव में स्थित सीएचसी पर इलाज के लिए तमाम सुविधाएं जुटाई जा रही हैं. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि शहरों के अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के दबाव को कम करने के लिए प्रदेश के 350 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोरोना संक्रमितों के उपचार की व्यवस्था की जा रही है.

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रघु शर्मा ने कहा कि सरकार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आक्सीजन सिलेंडर, आक्सीजन कंसंट्रेटर और अन्य जरूरी दवाओं की भी व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है. ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्थानीय स्तर ही उपचार मिल सके और उन्हें शहरों की ओर रूख नहीं करना पड़े. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर क्षमता के अनुसार बेड्स को रिजर्व कर मरीज को भर्ती किया जाएगा. कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान काम आने वाली सभी दवाइयों की आपूर्ति सीएचसी को भेजी जा रही हैं. इसके अतिरिक्त आक्सीजन के सिलेंडर व रेमडेसिविर इंजेक्शन भी इन केन्द्रों पर भेजे जा रहे हैं.

350 सीएचसी पर मिलेंगी कोरोना चिकित्सा सुविधाएं

गहलोत सरकार का यह प्रयास है कि ग्रामीण मरीजों को समय पर इलाज मिले, जिससे कि संक्रमण के प्रभाव को कम किया जा सके. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के ​लिए पूरे प्रयास कर रही है. गांवों में व्यापक स्तर पर एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट करवाए जा रहे हैं, ताकि समय रहते संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके. सभी विधानसभा क्षेत्रों में माइक लगी हुई मोबाइल वैन जा रही है. वैन के जरिए आईएलआई लक्षणों वाले ग्रामीणों का एंटीजन टेस्ट लिया जा रहा है.

पॉजीटिव आने वाले ग्रामीणों को दवाओं की किट उपलब्ध करा कर उन्हें आइसोलेशन की सलाह दी जा रही है व गंभीर मरीजों को अस्पातलों में भर्ती किया जा रहा है. नेगेटिव आने वालों का दोबारा आरटीपीसीआर टेस्ट द्वारा सैंपल लिया जा रहा है, जिसकी भी रिपोर्ट एक-दो दिन में भेजी जा रही है. चिकित्सा मंत्री ने कहा है कि एक्सपर्ट सितंबर माह तक कोरोना की तीसरी लहर आने का अंदेशा जता रहे हैं. माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर से बच्चे सबसे अधिक संक्रमित होंगे. इसको देखते ​विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जितने भी नियानैटल इंटेसिव केयर यूनिट, एसएनसीयू व बच्चों के अस्पतालों में आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने की तैयारी है.

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