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पंचायती राज विभाग की अनुमति लिए बिना तबादला करने पर मांगा जवाब - राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण

राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का तबादला पंचायती राज विभाग की अनुमति लिए बिना करने करने पर अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक से जवाब मांगा है.

महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का तबादला मामला, Transfer case of female health worker
अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक से जवाब

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Published : Oct 26, 2020, 8:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने पंचायती राज विभाग की अनुमति लिए बिना महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का तबादला करने पर अतिरिक्त स्वास्थ्य निदेशक से जवाब मांगा है. इसके साथ ही अधिकरण ने तबादला आदेश पर रोक लगा दी है. अधिकरण ने यह आदेश चमेली देवी की अपील पर दिए.

अपील में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अधिकरण को बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने गत 12 अक्टूबर को अपीलार्थी का तबादला झुंझुनू से बाड़मेर कर दिया. अपील में कहा गया कि राज्य सरकार ने एएनएम पद का कार्यकलाप प्रभावी ढंग से संचालन करने के लिए इसे पंचायती राज विभाग के अधीन किया था.

ऐसे में उसका तबादला करने से पहले पंचायती राज विभाग से अनुमति लेना आवश्यक था. इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग ने बिना पंचायती राज विभाग की अनुमति लिए उसका तबादला कर दिया. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने तबादला आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

तय समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं देने पर मासिक किराया अदा करने को कहा

वहीं राज्य उपभोक्ता आयोग ने तय समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं देने पर मैसर्स एन्डीगो इन्फ्रास्ट्रेक्चर और प्रोपर्टीज लि. को जुलाई 2017 से कब्जा देने तक पांच रुपए वर्गफीट के हिसाब से खरीदार को मासिक किराया अदा करने को कहा है. इसके साथ ही आयोग ने बिल्डर पर साठ हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है. आयोग ने यह आदेश राजरानी गोयल के परिवाद पर दिए.

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परिवाद में कहा गया कि उसने नवंबर 2012 में इस बिल्डर से नीमराना में 2 बीएचके फ्लैट खरीदा था. बिल्डर ने बुकिंग के समय दिसंबर 2015 तक फ्लैट तैयार कर कब्जा देने की बात कही. इसी बीच परिवादी ने अगस्त 2015 तक 21 लाख रुपए से अधिक राशि भी बिल्डर को दे दी. इसके बावजूद बिल्डर ने दिसंबर 2017 तक फ्लैट का कब्जा नहीं दिया. इस पर आयोग ने इसे सेवादोष मानते हुए बिल्डर पर साठ हजार रुपए का हर्जाना लगाते हुए कब्जा देने तक मासिक किराया अदा करने को कहा है.

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