जयपुर. हाईकोर्ट के आदेश के बाद राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ से जुड़े हुए कर्मचारियों में खुशी की लहर है. हाईकोर्ट ने कर्मचारियों के वेतन से की जा रही कटौती पर रोक लगा दी है. वहीं राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ ने कहा है कि सरकार ने जो कटौती कर ली है, उसे भी वापस लेने के लिए भी आंदोलन किया जाएगा.
हाईकोर्ट ने कर्मचारियों के वेतन से की जा रही कटौती पर रोक लगा दी है संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव ने बताया कि वित्त विभाग के 30 अक्टूबर 2017 के आदेश के तहत कर्मचारियों के वेतन से कटौती की जा रही थी और एक-एक कर्मचारी के 90 हजार से एक लाख रुपये तक की कटौती हो रही थी. बता दें कि वित्त विभाग के इस आदेश से करीब 3 लाख कर्मचारी प्रभावित हुए हैं और जो नए यूथ आ रहे है वे तो सभी इस आदेश के तहत प्रभावित हुए हैं.
यादव ने बताया कि लगातार सरकार और वित्त विभाग को इसके बारे में ज्ञापन दिए जा रहे थे. मुख्यमंत्री को पूर्व में ज्ञापन दिए थे, लेकिन किसी ने भी कोई कार्रवाई नहीं की. सरकार ने पूरी तरह से हठधर्मिता अपना रखी थी. अंत में संघ के ओर से बैठक बुलाकर कोर्ट में जाने का निर्णय किया गया.
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कुलदीप यादव ने कोर्ट के निर्णय का सम्मान किया और कहा कि संघ से जुड़े हुए करीब साढ़े 8 हजार कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील भी की कि कोर्ट के निर्णय को मानते हुए एक जनरल फैसला सभी कर्मचारियों के लिए लागू करे. ताकि सभी 3 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकें. वहीं जनरल फैसले में सभी 3 लाख कर्मचारियों का वेतन कटौती पर रोक लगाई जाए.
जस्टिस मोहम्मद रफीक की खंडपीठ ने राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए रिकवरी पर रोक लगाई है. विभाग के ओर से 1 जुलाई 2013 को आधार मानकर कटौती की जा रही थी. बता दें कि वकील सीपी शर्मा ने संघ की ओर से पैरवी की थी. वहीं इस फैसले के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों के पेंशन भी जारी हो जाएगी.
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बता दें कि राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष यादव ने बताया कि इस मामले में वित्त सचिव और प्रमुख शासन सचिव पीएचडी को पार्टी बनाया गया था. पीएचईडी के कर्मचारी वेतन कटौती के विरोध में लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे थे. वहीं इस फैसले के बाद जयपुर जिले के 1900 कर्मचारियों को भी फायदा मिलेगा.