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NEET काउंसलिंग में भूतपूर्व सैनिक कोटे का परिणाम जारी करने के आदेश - जयपुर

हाईकोर्ट ने सोमवार को दो अलग-अलग मामलों में अहम आदेश जारी किए. एक मामले में सुनवाई करते हुए भूतपूर्व सैनिक कोटे के अभ्यर्थियों का परिणाम जारी करने के आदेश दिए तो वहीं रीट भर्ती-2017 और 2018 में दिव्यांग वर्ग का संशोधित परिणाम आठ सप्ताह में जारी करने करने निर्देश दिए.

भूतपूर्व सैनिक कोटे का परिणाम जारी करने के आदेश

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Published : Jul 22, 2019, 10:01 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित नीट काउंसलिंग में भूतपूर्व सैनिक कोटे के अभ्यर्थियों का परिणाम जारी करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को भी काउंसलिंग में शामिल करने के आदेश दिए हैं.

वहीं, अदालत ने एकलपीठ को कहा है कि वह प्रकरण की सुनवाई जल्दी पूरी करे. मुख्य न्यायाधीश एस रविन्द्र भट्ट और न्यायाधीश वीएस सिराधना की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए. अपील में कहा गया कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गत 27 जून को भूतपूर्व सैनिक कोटे के अभ्यर्थियों का परिणाम जारी करने पर रोक लगाई थी. जबकि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत तय समयावधि में अभ्यर्थियों को प्रवेश देना है. ऐसे में परिणाम जारी करने पर लगी रोक को हटाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने परिणाम जारी करने के निर्देश देते हुए एकलपीठ को सुनवाई जल्दी पूरी करने को कहा है.

गौरतलब है कि निशा शेखावत को प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं होने के चलते भूतपूर्व सैनिक कोटे का आरक्षण नहीं दिया गया था. इस पर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने आरक्षण का लाभ देने के आदेश देते हुए भूतपूर्व सैनिक कोटे का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी.

दिव्यांग वर्ग का संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश...
वहीं, एक दूसरे मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह रीट भर्ती-2017 और 2018 में दिव्यांग वर्ग का संशोधित परिणाम आठ सप्ताह में जारी करे. अदालत ने कहा कि यदि संशोधित परिणाम में याचिकाकर्ता मेरिट में आते हैं तो उन्हें नियुक्ति दी जाए. मुख्य न्यायाधीश एस रविन्द्र भट्ट और न्यायाधीश वीएस सिराधना की खंडपीठ ने यह आदेश नेशनल फैडरेशन ऑफ ब्लाइड की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि शिक्षक भर्ती के लिए आयोजित रीट 2017 और 2018 में दिव्यांग वर्ग में दृष्टि बाधित अभ्यर्थियों को नियमानुसार बीस अंकों की छूट नहीं दी गई. जिसके चलते अभ्यर्थी पात्र होते हुए भी चयन से वंचित हो गए. इस पर अदालत ने दोनों वर्षों की भर्ती का संशोधित परिणाम जारी करने के निर्देश देते हुए कहा है कि इस संबंध में नीति बनने तक पूर्व में निर्धारित छूट जारी रखी जाए.

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