जयपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने सीएमएचओ सीकर को निर्देश दिए हैं कि वह विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम बनाकर नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के स्वास्थ्य के आधार पर गर्भपात के लिए तत्काल कदम उठाएं.
अदालत ने गर्भपात होने की स्थिति में भ्रूण को डीएनए जांच के लिए अनुसंधान अधिकारी को सौंपने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश सीके सोगनरा की अवकाशकालीन पीठ ने यह आदेश पीडिता की मां ओर से दायर याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता डीडी खंडेलवाल ने कहा कि याचिकाकर्ता की 16 वर्षीय पुत्री के साथ रानौली थाना इलाके हुए दुष्कर्म के चलते वह गर्भवती हुई है. ऐसे में उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को देखते हुए गर्भपात की अनुमति दी जाए.