राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Harish chaudhary Meet CM Gehlot: ओबीसी आरक्षण पर अशोक गहलोत से मिले हरीश चौधरी, भूतपूर्व सैनिक अधिनियम मामले में पहले की व्यवस्था लागू करने की मांग - Rajasthan hindi news

कार्मिक विभाग की ओर से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण में किये गए संशोधन को लेकर पूर्व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी (Harish chaudhary Meet CM Gehlot ने सीएम गहलोत से मुलाकात की. उन्होंने भूतपूर्व सैनिक अधिनियम मामले में पहले की व्यवस्था लागू करने की मांग की.

Harish chaudhary Meet CM Gehlot
हरीश चौधरी गहलोत से मिले

By

Published : Jul 11, 2022, 11:05 PM IST

जयपुर. कार्मिक विभाग की ओर से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण में किये गए संशोधन के सम्बंध में पूर्व राजस्व मंत्री व पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की. चौधरी ने भूतपूर्व सैनिक अधिनियम मामले में पूर्ववत व्यवस्था लागू करने की मांग की. कार्मिक विभाग के भूतपूर्व सैनिक आरक्षण मामले को लेकर वर्तमान में उच्च न्यायालय में 37 याचिकाएं विचाराधीन है, जिन पर नियमित रूप से सुनवाई चल रही है.

हरीश चौधरी ने बताया कि कार्मिक विभाग की ओर से 17 अप्रैल 2018 को भूतपूर्व सैनिक आरक्षण अधिनियम 1988 में परिवर्तन किया गया था. इसके बाद लागू की गई नई अधिसूचना से ओबीसी पुरुष वर्ग की अधिकतर सीटें भूतपूर्व सैनिकों को आवंटित की जा रही है. इस व्यवस्था से ओबीसी वर्ग के नए पुरुष बेरोजगारों को राज्य सरकार की भर्तियों में न के बराबर नियुक्ति मिल रही है. क्योंकि भर्तियों में आने वाले भूतपूर्व सैनिकों के आवेदनों में अधिकतर आवेदन ओबीसी वर्ग से आते हैं. पूर्व मंत्री और विधायक हरीश चौधरी ने बताया कि सभी श्रेणियों में वर्गवार भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण किया जाए जिसमें OBC कैटेगरी में भी भूतपूर्व सैनिकों को 12.5% ही आरक्षण दिया जाए अर्थात भूतपूर्व सैनिकों को होरिजेंन्टल की जगह 17 अप्रैल 2018 से पूर्व पद्धति के अनुसार ही आरक्षण दिया जाए.

पढ़ें.नव संकल्प शिविर: सुनील जाखड़ के इस्तीफे पर बोले पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी...

कार्मिक विभाग की ओर से 17 अप्रैल 2018 को भूतपूर्व सैनिक अधिनियम 2018 के नियम में संशोधन हुआ था. आरोप है कि लाखों ओबीसी बेरोजगारों पर यह संशोधन भारी पड़ रहा है. कार्मिक विभाग की ओर से भूतपूर्व सैनिक अधिनियम 2018 के नियम बिंदु संख्या 2 की उप संख्या 3 में संशोधन हुआ था. ओबीसी अभ्यर्थियों का आरोप है कि इस संशोधन के बाद भर्तियों में मेरिट में आने के बाद भी उन्हें नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर होना पड़ रहा है

क्या हुआ था बदलाव
कार्मिक विभाग ने 17 अप्रैल 2018 को एक नियम में संशोधन किया था. भूतपूर्व सैनिक अधिनियम में बदलाव के बाद यह नियम जारी किया था कि भूतपूर्व सैनिकों को क्षैतिज यानी होरिजोन्टल आरक्षण है, मतलब अभ्यर्थी जिस वर्ग (सामान्य,आर्थिक पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, एमबीसी, सहरिया) का होगा उसे उसी वर्ग के पदों में समायोजित किया जाएगा. साथ ही भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों में पिछली भर्ती का बैकलॉग और वर्तमान विज्ञप्ति पदों का 12.5 फीसदी पदों को शामिल किया गया. 17 अप्रैल 2018 को संशोधित किए गए इस नियम का विपरित प्रभाव पिछले 4 सालों से ओबीसी पुरुष अभ्यर्थियों पर देखने को मिल रहा है. संशोधित नियमों की वजह से ज़्यादातर पद भूतपूर्व सैनिक ओबीसी वर्ग से ही भरे जा रहे हैं. साथ ही मेरिट में स्थान बनाने के बाद भी ओबीसी अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया से बाहर होते जा रहे हैं.

नये नियमों के तहत इन भर्तियों पर असर
राजस्थान पटवारी भर्ती 2021
1-कुल पद 4850 (NON TSP)
2- ओबीसी मेल 603 पद
3- भूतपूर्व सैनिकों के रिक्त पद 583

वनरक्षक व वनपाल भर्ती 2022
1- कुल पद 2300
2- ओबीसी मेल पद 122
3- भूतपूर्व सैनिकों के रिक्त पद 607

नई भर्तियों पर साल 2018 का नियम तो भारी पड़ रहा है. साथ ही पुरानी भर्तियां भी इससे प्रभावित हुई हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details