जयपुर. कार्मिक विभाग की ओर से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण में किये गए संशोधन के सम्बंध में पूर्व राजस्व मंत्री व पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की. चौधरी ने भूतपूर्व सैनिक अधिनियम मामले में पूर्ववत व्यवस्था लागू करने की मांग की. कार्मिक विभाग के भूतपूर्व सैनिक आरक्षण मामले को लेकर वर्तमान में उच्च न्यायालय में 37 याचिकाएं विचाराधीन है, जिन पर नियमित रूप से सुनवाई चल रही है.
हरीश चौधरी ने बताया कि कार्मिक विभाग की ओर से 17 अप्रैल 2018 को भूतपूर्व सैनिक आरक्षण अधिनियम 1988 में परिवर्तन किया गया था. इसके बाद लागू की गई नई अधिसूचना से ओबीसी पुरुष वर्ग की अधिकतर सीटें भूतपूर्व सैनिकों को आवंटित की जा रही है. इस व्यवस्था से ओबीसी वर्ग के नए पुरुष बेरोजगारों को राज्य सरकार की भर्तियों में न के बराबर नियुक्ति मिल रही है. क्योंकि भर्तियों में आने वाले भूतपूर्व सैनिकों के आवेदनों में अधिकतर आवेदन ओबीसी वर्ग से आते हैं. पूर्व मंत्री और विधायक हरीश चौधरी ने बताया कि सभी श्रेणियों में वर्गवार भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण किया जाए जिसमें OBC कैटेगरी में भी भूतपूर्व सैनिकों को 12.5% ही आरक्षण दिया जाए अर्थात भूतपूर्व सैनिकों को होरिजेंन्टल की जगह 17 अप्रैल 2018 से पूर्व पद्धति के अनुसार ही आरक्षण दिया जाए.
पढ़ें.नव संकल्प शिविर: सुनील जाखड़ के इस्तीफे पर बोले पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी...
कार्मिक विभाग की ओर से 17 अप्रैल 2018 को भूतपूर्व सैनिक अधिनियम 2018 के नियम में संशोधन हुआ था. आरोप है कि लाखों ओबीसी बेरोजगारों पर यह संशोधन भारी पड़ रहा है. कार्मिक विभाग की ओर से भूतपूर्व सैनिक अधिनियम 2018 के नियम बिंदु संख्या 2 की उप संख्या 3 में संशोधन हुआ था. ओबीसी अभ्यर्थियों का आरोप है कि इस संशोधन के बाद भर्तियों में मेरिट में आने के बाद भी उन्हें नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर होना पड़ रहा है