जयपुर. राजस्थान में गुजरात राज्य के बॉर्डर पर स्थित सिरोही में करोड़ों की शराब पकड़ी गई थी. साथ ही 15 से अधिक वाहन जब्त किए गए थे. इसको लेकर RLP संयोजक हनुमान बेनीवाल ने सिरोही के जिला पुलिस अधीक्षक की भूमिका पर सवालिया निशान खड़े किए हैं.
हनुमान बेनीवल ने एक बयान जारी कर कहा कि शराब का इतना बड़ा गोरखधंधा पुलिस की मिलीभगत के बगैर असंभव है. ऐसे में एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी की ओर से प्रकरण की जांच करवाई जा रही है. जबकि मामले की जांच एडीजी स्तर के अधिकारी से करवाने की आवश्यकता है क्योंकि मामले में एसपी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. उन्होंने कहा स्पेशल टीम ने पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया. जिसमें स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लगने दी. जिससे यह जाहिर है कि स्थानीय सिस्टम में कई लोग शराब माफियाओं से मिले हुए थे.
बेनीवाल ने यह आरोप भी लगाए
सांसद ने कहा कि वर्तमान सिरोही एसपी जब विगत साल जालोर जिले के एसपी थे, तब लॉकडाउन के समय चौथ वसूली करवाकर लोगों को गुजरात की सीमा से जालोर जिले में एंट्री करा रहे थे. इस कारण उन्हें वहां से तब हटाया गया था. ऐसे व्यक्ति को ही फिर से सिरोही एसपी लगा दिया गया. ऐसे में राज्य सरकार को ऐसे अधिकारियों को फील्ड पोस्टिंग देने से पहले उनके पूर्व के कार्यकाल में किया गया भ्रष्टाचार को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
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बेनीवल ने एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि सिरोही के स्थानीय पुलिस के एक कार्मिक को सिरोही एसपी ने कुछ समय पूर्व शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने से नाराज होकर निलंबित तक कर दिया था. बेनीवाल ने पूरे प्रकरण को ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुख्यमंत्री कार्यालय को भी अवगत कराया और संज्ञान लेने की अपील की.