जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर में 5 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में फैसला सुनाया है. इस मामले में अभियुक्त राजकुमार को मिली फांसी की सजा को रद्द करते हुए उसे तत्काल रिहा करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने कोटा में पुराने नौकर के अपने साथी के साथ मिलकर विवाहिता की हत्या और उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई थी.
इस मामले में अभियुक्त मस्तराम और लोकेश मीणा को मिली फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश दोनों मामलों में राज्य सरकार की ओर से पेश डेथ रेफरेंस को अस्वीकार कर अपीलार्थियों की अपील पर दिए है.
पढ़ें-राजस्थान की पहली महिला स्पीकर सुमित्रा सिंह कोरोना पॉजिटिव
मामले के अनुसार 1 फरवरी 2015 को अलवर के बहरोड़ थाना इलाके में 5 साल की बच्ची के अपहरण को लेकर उसके परिजनों ने नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस रिपोर्ट पर पुलिस ने राजकुमार को गिरफ्तार किया. लेकिन बाद में पुलिस को एक खंडहर में बच्ची की लाश मिली. जांच में उसके साथ दुष्कर्म होने की बात भी सामने आई थी. इस मामले में अलवर पॉक्सो कोर्ट ने 11 जून 2019 को राजकुमार को अभियुक्त मानते हुए फांसी की सजा सुनाई. इसके खिलाफ राजकुमार की ओर से अपील और राज्य सरकार की ओर से डेथ रेफरेंस पेश किया गया.
दूसरी ओर, कोटा के भीमगंजमंडी थाना इलाके में 31 जनवरी 2019 की रात घर के पुराने नौकर मस्तराम ने अपने साथी लोकेश मीणा के साथ मिलकर विवाहिता की हत्या और उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी. इसके बाद अभियुक्तों ने घर में रखे 10 लाख रुपए और लाखों के जेवरात भी लूट लिए थे. इस मामले में गत 18 फरवरी को कोटा पॉक्सो कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई थी. इस बाबत फांसी को कंफर्म करने के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में डेथ रेफरेंस पेश किया तो वहीं अभियुक्तों ने सजा को चुनौती देते हुए अपील पेश की थी.
प्रबोधकों को परिलाभ नहीं देने पर मांगा जवाब
राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रबोधक भर्ती-2008 में नियुक्त प्रबोधकों को पुरानी सेवा जोड़कर परिलाभ नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. यह आदेश न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने धर्मचंद मीणा और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.