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Guru Pradosh Vrat 2022: इस दिन रखा जाएगा गुरु प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व

गुरु प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat 2022) के दिन भोलेनाथ की पूजा की जाएगी और गुरु प्रदोष व्रत कथा सुनी जाएगी. गुरु प्रदोष व्रत को करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. आइए जानते हैं गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व.

Guru Pradosh Vrat 2022
Guru Pradosh Vrat 2022

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Published : Sep 7, 2022, 11:39 AM IST

जयपुर. साल के हर महीने में 2 प्रदोष पड़ते हैं. पहला कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में. हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास का दूसरा प्रदोष व्रत 8 सितंबर, गुरुवार को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत का नाम वार यानी सप्ताह के दिन के अनुसार होता है. प्रदोष व्रत इस बार गुरुवार को पड़ रहा है इस वजह से इसे गुरु प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat 2022) कहते हैं.

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की भी पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. जो भक्त विधिपूर्वक व्रत रखते हैं और प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं, उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है. गुरुवार प्रदोष व्रत के प्रभाव से सुख-समृद्धि और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है. आइए जानते हैं गुरुवार प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.

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भाद्रपद गुरु प्रदोष व्रत 2022 मुहूर्त (Guru Pradosh shubh muhurat)

  • त्रयोदशी तिथि आरंभ: 8 सितंबर, गुरुवार, 12:04 AM से
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त: 9 सितंबर, शुक्रवार, 09:02 मिनट पर
  • पूजा का शुभ मुहूर्त: 8 सितंबर, गुरुवार, सायं 06:40 मिनट से रात्रि 08:58 मिनट तक
  • पूजा का कुल समय: 2 घंटे 18 मिनट

गुरु प्रदोष व्रत का महत्व- गुरु प्रदोष व्रत आपको हर दिशा में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है और आप इस प्रदोष व्रत का पालन करके सभी कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं. कहा जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्रती के सारे दोष खत्म हो जाते हैं. शास्त्रों में सप्ताह के वार अनुसार प्रदोष व्रत का महत्व और प्रभाव बताया गया है. जब कभी भी प्रदोष व्रत गुरुवार को पड़ता है तो उसे शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए खास माना जाता है.

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गुरु प्रदोष व्रत पूजा विधि- गुरु प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नानादि करने के बाद शिव जी के सामने दीपक प्रज्वलित कर प्रदोष व्रत का संकल्प लें. संध्या समय शुभ मुहूर्त में पूजन आरंभ करें. गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें. फिर शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित करें. फिर विधिपूर्वक पूजन करें.

सफलता पाने के लिए प्रदोष पर करें ये उपाय

  • गुरु प्रदोष व्रत के दिन, पानी में थोड़ा सा केसर या केवड़े का इत्र डालें और स्नान करें.
  • गुरु प्रदोष व्रत के दिन हल्के पीले रंग के कपड़े पहनें.
  • गुरु प्रदोष व्रत के दिन पीपल के पेड़ पर घी का दीपक जलाएं.
  • प्रदोष के दिन पीपल के पेड़ पर कुछ पीली मिठाई, पीले फूल और पीले वस्त्र चढ़ाएं.

प्रदोष के दिन करें इस मंत्र का जाप-घर की सभी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए गुरु प्रदोष के दिन इस नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें.

ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणत: क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः

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