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सचिन पायलट और कर्नल बैंसला को गुर्जर नेता हिम्मत सिंह की खरी-खरी, गहलोत से की ये मांग - गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने गहलोत से की मांग

पूर्व पीसीसी चीफ और उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट द्वारा सीएम को लिखे पत्र और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के आंदोलन की चेतावनी पर गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने तीखा कटाक्ष किया है. हिम्मत सिंह ने कहा कि सचिन पायलट जब सरकार में दो अहम पदों पर थे. तब हजारों बार युवाओं ने उन्हें ज्ञापन दिए. लेकिन पायलट चुप रहे. वहीं जब सरकार में मंत्री पद से उन्हें हटाया गया. उसके बाद वह मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हैं.

गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने गहलोत से की मांग, Gurjar leader demands from Gehlot
गुर्जर नेता ने सचिन पायलट को किया कटाक्ष

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Published : Sep 18, 2020, 1:46 PM IST

जयपुर. प्रदेश में एक बार फिर एमबीसी आरक्षण को लेकर सियासी पारा गर्म है. एमबीसी में आने वाले गुर्जर सहित पांच जातियों के युवा इस बात को लेकर आक्रोशित है कि जिस 5 प्रतिशत आरक्षण का वादा सरकार ने किया था, वह अब तक अधूरा है. वहीं पूर्व पीसीसी चीफ और उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट द्वारा सीएम को लिखें पत्र और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के आंदोलन की चेतावनी पर गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने तीखा कटाक्ष किया है.

गुर्जर नेता ने सचिन पायलट को किया कटाक्ष

हिम्मत सिंह ने कहा कि सचिन पायलट जब सरकार में दो अहम पदों पर थे. तब हजारों बार युवाओं ने उन्हें ज्ञापन दिए. खुद मैंने सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए उनसे आग्रह किया कि युवाओं को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है. ओंगोइंग भर्तियों में भी एमबीसी आरक्षण से गुर्जर सहित पांच जातियों के युवा वंचित है. आप बोलिए और आवाज उठाइए, लेकिन तब सचिन पायलट चुप रहे. वहीं जब सरकार में मंत्री पद और पीसीसी चीफ के पद से उन्हें हटाया गया. उसके बाद वह मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हैं और जब डीपी से महज एक परिपत्र जारी हो जाता है. तो सरकार की तारीफ भी करते हैं.

गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने गहलोत से की मांग

वहीं कर्नल बैंसला द्वारा आंदोलन की दी गई चेतावनी पर भी हिम्मत सिंह ने तीखा जुबानी हमला किया है. हिम्मत सिंह ने कहा कि अब आंदोलन से युवाओं को क्या मिल जाएगा. क्योंकि पिछले 19 माह में कर्नल बैंसला 4 बार मुख्यमंत्री से मिले, दो बार सब कमेटी की बैठक में शामिल हुए और 10 बार उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की, लेकिन गुर्जर सहित पांच जातियों के युवाओं को एमबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया और अब वह आंदोलन की बात कहते हैं, तो आखिर आंदोलन से युवाओं को क्या मिल जाएगा.

गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि हमारी तीन प्रमुख मांगे हैं. जिनमें पहली साल 2011 से जो 4 प्रतिशत एमबीसी में रिजर्व पद रखे गए हैं. उनकी भर्ती की जाए, दूसरी मांग 5 ओंगोइंग भर्तियां है, उनमें 5 प्रतिशत एमबीसी आरक्षण का लाभ दिया जाए और तीसरी और सबसे प्रमुख मांग देवनारायण योजना के क्रियान्वयन की है.

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हिम्मत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आग्रह किया कि आज एमबीसी से जुड़ा युवा आक्रोशित है और मानसिक रूप से अवसाद में भी है. ऐसे में मुख्यमंत्री और सरकार को चाहिए किस दिशा में सकारात्मक कार्य करें. वहीं हिम्मत सिंह ने इस मामले में गठित सब कमेटी के पुनर्गठन की भी मांग की.

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