जयपुर. प्रदेश में एक बार फिर एमबीसी आरक्षण को लेकर सियासी पारा गर्म है. एमबीसी में आने वाले गुर्जर सहित पांच जातियों के युवा इस बात को लेकर आक्रोशित है कि जिस 5 प्रतिशत आरक्षण का वादा सरकार ने किया था, वह अब तक अधूरा है. वहीं पूर्व पीसीसी चीफ और उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट द्वारा सीएम को लिखें पत्र और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के आंदोलन की चेतावनी पर गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने तीखा कटाक्ष किया है.
हिम्मत सिंह ने कहा कि सचिन पायलट जब सरकार में दो अहम पदों पर थे. तब हजारों बार युवाओं ने उन्हें ज्ञापन दिए. खुद मैंने सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए उनसे आग्रह किया कि युवाओं को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है. ओंगोइंग भर्तियों में भी एमबीसी आरक्षण से गुर्जर सहित पांच जातियों के युवा वंचित है. आप बोलिए और आवाज उठाइए, लेकिन तब सचिन पायलट चुप रहे. वहीं जब सरकार में मंत्री पद और पीसीसी चीफ के पद से उन्हें हटाया गया. उसके बाद वह मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हैं और जब डीपी से महज एक परिपत्र जारी हो जाता है. तो सरकार की तारीफ भी करते हैं.
वहीं कर्नल बैंसला द्वारा आंदोलन की दी गई चेतावनी पर भी हिम्मत सिंह ने तीखा जुबानी हमला किया है. हिम्मत सिंह ने कहा कि अब आंदोलन से युवाओं को क्या मिल जाएगा. क्योंकि पिछले 19 माह में कर्नल बैंसला 4 बार मुख्यमंत्री से मिले, दो बार सब कमेटी की बैठक में शामिल हुए और 10 बार उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की, लेकिन गुर्जर सहित पांच जातियों के युवाओं को एमबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया और अब वह आंदोलन की बात कहते हैं, तो आखिर आंदोलन से युवाओं को क्या मिल जाएगा.