राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Azad Resignation Effect, जयपुर में कांग्रेस की अहम बैठक आज

गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे से कांग्रेस के भीतर अजीब सी हलचल है. 4 सितम्बर 2022 को पार्टी केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ महंगाई रैली करने वाली है. केन्द्र के खिलाफ प्रस्तावित रैली में राजस्थान की बड़ी भूमिका को लेकर कई दावे भी किए गए लेकिन अब आजाद Exit का साया इस पर पड़ सकता है. यही वजह है कि प्रदेश कांग्रेस रणनीति बना इस नुकसान को नफे में बदलने की जुगत में है. आज राजस्थान के हर जिले में पार्टी की ओर से बैठक बुलाने के निर्देश जारी किए गए हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Aug 27, 2022, 12:43 PM IST

जयपुर.महंगाई के खिलाफ कांग्रेस 4 सितंबर को दिल्ली में बड़ी रैली करने जा रही है. चूंकि राजस्थान दिल्ली के सबसे नजदीक उन राज्यों में शामिल है, जहां कांग्रेस पार्टी की ही सरकार है. ऐसे में भीड़ जुटाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी भी राजस्थान पर ही होगी (PCC stresses on Khelo Rajasthan). यही कारण है कि राजस्थान के नेताओं की ओर से दावा किया जा रहा है कि 50,000 से ज्यादा कार्यकर्ता प्रदेश से इस रैली में शामिल होगा.

राजस्थान से 50,000 की उपस्थिति को लेकर सब आश्वस्त हैं लेकिन इस बीच आजाद के कांग्रेस से रुखसत होने के बाद परिस्थिति थोड़ी बदली सी है. आजाद Effect (Azad Resignation effect) ही है कि पार्टी ने आज प्रदेश के हर जिले में बैठक बुलाई है. जिसका मकसद महंगाई को लेकर 4 सितंबर को होने वाली रैली में ज्यादा से ज्यादा संख्या दिल्ली ले जाने को लेकर ताकीद करना है, ताकि राजस्थान से बड़ी संख्या में लोग दिल्ली पहुंचे.

आजाद Effect के मद्दनेजर खबर ये भी है कि 29 अगस्त से शुरू होने वाले "राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक" को लेकर भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने सभी मंत्रियों, विधायकों, विधायक प्रत्याशियों, सांसद प्रत्याशियों, प्रदेश पदाधिकारियों, राजनीतिक नियुक्ति पाने वाले निगम बोर्ड के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, निवर्तमान जिला अध्यक्षों और कांग्रेस के सभी छोटे बड़े पदाधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र में मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं. कारण साफ है कि इस प्रतियोगिता को शुरू करवाने के बाद सभी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में 4 सितंबर को होने वाली रैली में संख्या जुटाने के लिए बैठ के भी करेंगे.

पढ़ें-सीएम गहलोत बोले, गुलाम नबी आजाद को संजय गांधी के समय चापलूस कहा जाता था

6 जिलों पर जिम्मेदारी:दिल्ली में जब भी कोई रैली होती है तो NCR के नजदीक आने वाले जिलों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. सबसे ज्यादा संख्या में ले जाने का टारगेट इन्हीं जिलों को दिया जाता है. ऐसे में इस बार भी दिल्ली के नजदीकी राजस्थान के जिलों भरतपुर, अलवर ,जयपुर, झुंझुनू, सीकर और दौसा को सबसे ज्यादा भीड़ जुटाने का लक्ष्य दिया गया है.

29 को राजधानी में जुटेंगे कांग्रेस दिग्गज:महंगाई के खिलाफ होने वाली रैली को लेकर 29 अगस्त को देश के लगभग सभी राज्यों की राजधानी में कांग्रेस के बड़े नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए नजर आएंगे. पीसीसी के लिए ये प्रतिष्ठा का सवाल भी है. वो इसलिए भी क्योंकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर गहलोत को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है हालांकि वो कई बार खुद को इस दावेदारी से अलग कर चुके हैं. उन्होंने ये भी कहा था कि वो राजस्थान में ही रहकर कांग्रेस को जिताना चाहते हैं. गाहे बगाहे सीएम अपनी बातों से पार्टी में अपने ऊंचे कद का बखान अप्रत्यक्ष तौर पर करते रहते हैं इसलिए कहा जा रहा है कि लोगों को जुटा कर वो एक बार फिर पार्टी आलाकमान को अपनी अहमियत का एहसास कराना चाहेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details