जयपुर. करीब पांच दशक तक कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय रहे वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से नाता तोड़ चुके हैं. उन्होंने कांग्रेस पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया है. ऐसे में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी गुलाम नबी आजाद (congress leaders on Gulam Nabi Aazad) के पार्टी छोड़ने के टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी देश की जनता को महंगाई से निजात दिलाने के लिए लड़ रही है. पार्टी 4 सितंबर को रैली करने जा रही है. वहीं 7 सितंबर से भारत जोड़ो यात्रा के तहत पूरे देश को एकजुट करने के लिए राहुल गांधी के नेतृत्व में यात्रा निकाली जाएगी. इस बीच गुलाम नबी आजाद ने ऐसा निर्णय लेकर कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाया है, जबकि कांग्रेस ने उन्हें हमेशा प्रमुख पदों पर रखा है.
बहरहाल गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने के फैसले के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उनके खिलाफ हमलावर होकर बयानबाजी कर रहे हैं. गुलाम नबी आजाद भले ही जम्मू कश्मीर से आते हों लेकिन उनका प्रभाव राजस्थान के मुस्लिम मतदाताओं पर भी था. विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव दोनों में ही गुलाम नबी आजाद को राजस्थान स्टार प्रचारक के तौर पर भेजा जाता था और वह मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में प्रचार भी करते थे. मुस्लिम वोटरों पर उनकी राजस्थान में भी खासी पकड़ थी.
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अब मुस्लिम वोट तोड़ने से कोन रोकेगा ओवैसी को
राजस्थान के 33 जिलों में से करीब 15 ऐसे हैं जहां कई विधानसभा सीटों पर (Congress challenge in Assembly Election 2023) मुस्लिम मतदाता न केवल बड़ी संख्या में हैं, बल्कि हार जीत तय करने वाले 'की फैक्टर' भी रहते हैं. अब तक कांग्रेस पार्टी भले ही मुस्लिम बाहुल्य राजस्थान की करीब 35 सीटों में से 10 से 15 सीटों पर ही मुस्लिम उम्मीदवार उतारती रही है और मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारने के बावजूद पार्टी अपने बड़े मुस्लिम नेताओं के जरिए मुस्लिम वोटरों को जोड़ने (muslim voters in Rajasthan) में कामयाब रही है. जो मुस्लिम नेता अब तक राजस्थान में कांग्रेस के पक्ष में लोकल नेताओं के सहयोग से वोटरों को कांग्रेस के पक्ष में रखते थे, उनमें अहमद पटेल पहले ही का निधन हो चुका है और गुलाम नबी आजाद ने भी अब कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है. ऐसे में मुस्लिम मतदाताओं को साधने में कांग्रेस को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, वह भी तब जब इस बार ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी राजस्थान में प्रत्याशी उतारेगी.