राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

बीजेपी का एक वोट खारिज होने पर गुलाबचंद कटारिया बोले- प्रशिक्षण में कमी नहीं, कई बार सारे लोग होशियार नहीं होते - BJP one vote reject

राज्यसभा चुनाव में बीजेपी का एक वोट रिजेक्ट होने के मामले में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि विधायकों के प्रशिक्षण में कोई कमी नहीं थी. उन्होंने इस विधायक की होशियारी और नासमझी से जोड़ते हुए कहा कि कई बार सारे लोग होशियार हो यह जरूरी नहीं.

BJP one vote reject, Gulabchand Kataria latest news
वोट खारिज होने पर गुलाबचंद कटारिया का बयान

By

Published : Jun 19, 2020, 10:33 PM IST

जयपुर.राज्यसभा के रण में भाजपा को 3 में से 1 सीट पर ही संतोष करना पड़ा. लेकिन अपना ही एक वोट खारिज होने का मलाल बीजेपी को हमेशा रहेगा. गलती भाजपा विधायक से हुई लेकिन अब भाजपा नेता इस गलती को विधायक की होशियारी और नासमझी से जोड़ रहे हैं. आलम यह है कि विधायकों को मतदान के प्रशिक्षण दिया गया, जिसके लिए बकायदा 3 दिन होटल क्राउन प्लाजा में कैंप लगाया गया था.

लेकिन नेता प्रतिपक्ष को विधायकों के प्रशिक्षण में बीजेपी की कोई कमी नजर नहीं आ रही. गुलाबचंद कटारिया के अनुसार कमी प्रशिक्षण में नहीं रही. उन्होंने कहा कई बार सारे लोग होशियार हो यह जरूरी नहीं, इसीलिए कुछ विधायक कमजोर भी हो सकते हैं. कटारिया के अनुसार ऐसे ही कमजोर विधायकों की समझ के कारण यह सब हो गया.

वोट खारिज होने पर गुलाबचंद कटारिया का क्या कहना है, यहां सुनिए..

पढ़ें-राज्यसभा चुनाव में 1 वोट खारिज होने पर बोले सतीश पूनिया....ये ह्यूमन एरर

हालांकि कटारिया का कहना है यह वोट खारिज हुआ है, क्रॉस वोटिंग नहीं हुई. मतलब गलती करने वाले विधायक की मंशा में खोट नहीं थी. कटारिया के अनुसार पार्टी ने राजेंद्र गहलोत के लिए वोट प्रथम वरीयता के तय किए थे, जो उन्हें मिले. वहीं, ओंकार सिंह लखावत के लिए 21 वोट दिए गए थे. लेकिन उन्हें 20 मिले और एक वोट गलती से खारिज हो गया. हालांकि यह वोट किसका है इसकी जानकारी भाजपा विधायकों को भी नहीं है या फिर जानकारी है तो वह इसे उजागर करने से बच रहे हैं.

पढ़ें-राज्यसभा चुनाव में हार पर ओंकार सिंह लखावत बोले- कई दिग्गज नेता हार चुके, पार्टी का आदेश उनके लिए महत्वपूर्ण

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने यह भी कहा कि हमने विधायक संख्या बल कम होने के बावजूद दूसरा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा. जिसके बाद विधायकों में असंतोष को दबाने के लिए प्रदेश सरकार को 9 दिन तक कड़ी मशक्कत करना पड़ी. ऐसे में यदि डेढ़ साल के सरकार के वर्किंग को देखें, तो उसको दुरुस्त करने के लिए प्रदेश सरकार को जनता के बीच कितना समय देना होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. कटारिया ने कहा यही हमारी रणनीति थी, जिसमें हम पूरी तरह सफल हुए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details