जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पंचायतीराज के चुनाव परिणामों पर दिए गए बयान पर राजस्थान विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने पलटवार करते हुए कहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पंचायत चुनावो में अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं. इन चुनावों में इतनी बुरी हार होने के बाद भी उसे स्वीकार करना तो दूर रहा, बल्कि उसे कुछ आंकड़ों के आधार पर अपनी और अपनी पार्टी की विजय का बखान कर राजस्थान की जनता को भ्रमित कर रहे हैं.
गुलाबचंद कटारिया का गहलोत पर पलटवार कटारिया ने कहा कि जब से पंचायतीराज का गठन हुआ है, तब से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी का एकतरफा वर्चस्व रहा है. जब कभी सरकारें बदली हैं, तब सत्तारूढ़ पार्टी को पंचायतीराज में कुछ सफलता मिली है. 2005 में सरकार भारतीय जनता पार्टी की थी. 32 जिला परिषदों के चुनावों में सरकार में होते हुए भी मात्र 13 सीटे जीतकर जिला प्रमुख पहली बार हम बना पाए.
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2010 में कांग्रेस की सरकार आई कांग्रेस पार्टी ने 33 जिलों में से 24 जिलों में जिला प्रमुख बनाने में सफलता प्राप्त की. 2015 में फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई भाजपा ने 33 जिलों में से 21 जिलों में जिला प्रमुख बनाने में सफलता प्राप्त की. 2020 में कांग्रेस सरकार होते हुए भी 21 जिलों में से मात्र 5 जिला प्रमुख काग्रेस बना पाई है.
कटारिया ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री 21 में से 5 जिलों में जिला प्रमुख बनाने के बाद भी मन से हार स्वीकार करना नहीं चाहते. कटारिया ने कहा कि सरकार बनने के 2 साल बाद ही जनता ने कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह नकार दिया है. कटारिया ने सीएम गहलोत को सलाह देते हुए कहा कि पंचायत चुनाव में मिली हार के बाद उन्हें जनता के जनादेश का सम्मान करना चाहिए.