जयपुर.भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की ओर से सरकार पर 23 विधायकों को खान और रीको में जमीन आवंटन से जुड़े आरोप पर लगाए गए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर सियासत जारी है. विधानसभा में हाल ही में अध्यक्ष सीपी जोशी ने विशेषाधिकार समिति का गठन भी कर दिया है. वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि संयम लोढ़ा खुद की पब्लिसिटी के लिए बिना प्रक्रिया अपनाए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव आए, लेकिन यदि वह गलत निकला तो लोढ़ा खुद भी कार्रवाई के लिए तैयार रहें.
गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की पूरी एक प्रक्रिया होती है. इस प्रस्ताव के साथ एक निश्चित विधायकों का समर्थन भी चाहिए, लेकिन जो प्रस्ताव संयम लोढ़ा ने विधानसभा सचिव को सौंपा है, उसमें केवल खुद के हस्ताक्षर हैं और यह प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष सत्र आहूत होने के बाद स्वीकार करेंगे. तभी समिति के पास कार्रवाई के लिए जाएगा.
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कटारिया ने कहा कि फिलहाल विधानसभा सत्र कब आहूत होगा इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन जब सत्र आहूत होगा, उस समय भी संयम लोढ़ा को ये प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष को देने से पहले निश्चित विधायकों का समर्थन चाहिए होगा. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष चाहे तो उसे आगे समिति को सौपेंगे.
कटारिया ने कहा कई बार खुद की पब्लिसिटी और प्रचार प्रसार के लिए विधायक इस प्रकार के प्रस्ताव ले आते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि अगर जांच में यह गलत पाया गया तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है. विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पहले ही साफ कर चुके हैं कि आज उनके खिलाफ प्रस्ताव लाया गया है, तो खुद मुख्यमंत्री ने राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था, जो सीधे तौर पर विधायकों के लिहाज से विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है.