जयपुर.केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के सचिन पायलट का नाम लेकर दिए गए बयान के बाद गरमाई सियासत के बीच अब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी कूद गए हैं. हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और फिर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के पायलट को लेकर आए बयान पर कटारिया ने कहा कि सचिन पायलट के पास पब्लिक सपोर्ट है (Gulabchand Kataria commented on Sachin Pilot) जबकि गहलोत और धारीवाल में कोई दम नहीं. यही कारण है कि वो मुख्यमंत्री की नजरों में कांटे के समान चुभ रहे हैं, जिसे गहलोत निकालकर फेंकना चाहते हैं ताकि निरंकुश राज कर सकें.
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जिस प्रकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके वफादार शांति धारीवाल सचिन पायलट को लेकर बयान दे रहे हैं, वह इस बात का संकेत है कि मुख्यमंत्री सचिन पायलट को बाहर निकाल कर फेंकना चाहते हैं. कांग्रेस आलाकमान को इस बात की जानकारी है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के किसी नेता के पास यदि पब्लिकली सपोर्ट है तो वह सचिन पायलट ही है, जबकि गहलोत और धारीवाल (kataria questioned on Ashok Gehlot and Shanti Dhariwal) समेत अन्य नेताओं में कोई दम नहीं है.
पायलट के चलते पिछली बार भाजपा सरकार नहीं बनी- नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस बात को भी स्वीकारा कि पिछले विधानसभा चुनाव में केवल सचिन पायलट के कारण ही राजस्थान में भाजपा की सरकार दोबारा नहीं बन पाई. कटारिया ने कहा कि इस बात को हर कोई स्वीकार करता है कि सचिन पायलट के साथ उनके समाज का पूरा सपोर्ट पिछले चुनाव में रहा था, जिसके चलते पूर्वी राजस्थान में भाजपा केवल एक ही सीट जीत पाई. यदि सचिन पायलट नहीं होते तो भाजपा वहां ज्यादा सीटें जीतकर अपनी सरकार बना लेती. कटारिया ने कहा कि तब कांग्रेस ने सचिन पायलट को बतौर मुख्यमंत्री की तरह प्रोजेक्ट किया, जिसके चलते जातिगत समीकरण भाजपा के खिलाफ हो गए और कांग्रेस चुनाव जीत गई. कटारिया ने कहा कि सचिन पायलट के मैदान में रहने से जो जातिगत समीकरण बिगड़े, उसी के चलते बीजेपी थोड़ी सीटें कम जीत पाई.