जयपुर.भाजपा निकाय चुनाव में अपनाए गए हाइब्रिड फॉर्मूले को लेकर प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन का ऐलान कर चुकी है और सरकार के इस निर्णय का विरोध भाजपा सड़कों पर उतर कर करने की चेतावनी भी दे रही है. लेकिन क्या उसी निर्णय का तिरस्कार पार्टी के भीतर निकाय चुनाव में किया जाएगा. इस सवाल का जवाब खुद भाजपा के आला नेता खुलकर देने में बच रहे हैं.
हाइब्रिड फॉर्मूले पर भाजपा का रुख जी हां नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उनका जवाब कुछ ऐसा ही था. दरअसल भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने तय किया है कि आगामी 1 नवंबर को हाइब्रिड फॉर्मूले के खिलाफ प्रदेशभर के जिला मुख्यालय पर बीजेपी नेता और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन देंगे.
इसकी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा नेता मीडिया में इसकी जानकारी भी दे रहे हैं और प्रदेश की गहलोत सरकार के इस निर्णय की खिलाफत भी कर रहे हैं. लेकिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से जब पूछा गया कि क्या भाजपा पार्टी के भीतर पार्षदों में से ही महापौर या निकाय प्रमुख के चुनाव के लिए प्रत्याशी खड़ा करेगी तो कटारिया हड़बड़ा गए. भाजपा सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रही थी. कटारिया उस निर्णय को लागू ना कर, पूर्व व्यवस्था ही अपनी ही पार्टी में अपनाए जाने की बात कहने से भी बचते हैं और कहते है कि वह तो समय ही तय करेगा कि सामने से कौन सा डंडा आता है, उससे बड़ा डंडा हम मारेंगे.
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गुलाबचंद कटारिया का बयान इस बात का सबूत है कि भाजपा विपक्ष के नाते सरकार के इस निर्णय का खुलकर विरोध तो करती है. लेकिन पार्टी के भीतर पुरानी व्यवस्था से ही निकाय प्रमुख का प्रत्याशी तय करने के ऐलान से भी बचती है. मतलब यदि निकाय प्रमुख चुनाव में हाइब्रिड फॉर्मूला लागू रहा तो इसका विरोध करने वाली भाजपा भी उसी के अनुरूप बाहरी प्रत्याशी उतारने में भी नहीं कतराएगी.