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गुलाबचंद कटारिया ने गिनाई प्रदेश सरकार की नाकामियां, सदन में रखे तुलनात्मक आंकड़े

राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के अंतिम दिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश सरकार की नाकामियां गिनाईं. कटारिया ने सदन में तुलनात्मक आंकड़े रखे. उन्होंने प्रदेश सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया.

राज्यपाल अभिभाषण चर्चा ,  Rajasthan Vidhan Sabha News
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया

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Published : Feb 13, 2020, 8:55 PM IST

जयपुर.राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के अंतिम दिन गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी सदन में प्रदेश सरकार पर जमकर गरजे. अभिभाषण चर्चा पर बोलते हुए कटारिया ने कहा, कि राज्यपाल के अभिभाषण पर जो कुछ लिखा गया है, वह कहीं भी धरातल पर पूरा हुआ नजर नहीं आता है.

कटारिया ने राज्य सरकार को घेरा

कटारिया ने इस दौरान प्रदेश सरकार की विफलता और नाकामियां गिनाने का काम किया और सदन में पिछली भाजपा सरकार के समय हुए विकास कार्यों की तुलना मौजूद गहलोत सरकार के अबतक के कार्यकाल में हुए कार्यों से भी कर डाली. साथ ही प्रदेश में बढ़ते अपराध के आंकड़े रख कर सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए.

कानून व्यवस्था पर घेरा

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जिस तरह हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं, ठीक उसी तरह प्रदेश सरकार अपने कामकाज की वाहवाही लूट रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हत्या, लूट, डकैती और दुष्कर्म से जुड़े अपराध में मौजूदा सरकार के कार्यकाल में बढ़ोतरी हुई है. मुख्यमंत्री ने एफआईआर थाने पर नहीं लिखने पर एसपी को अधिकार दे दिए, लेकिन इसका फायदा क्या हुआ यह भी वह बता दें.

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इस दौरान कटारिया ने कहा कि हत्या के मामले में 12 फीसदी, लूट के मामलों में 46 फीसदी, दुष्कर्म के मामलों में 42 फीसदी और महिला अपराध के मामलों में 81 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. प्रदेश में गहलोत सरकार के कार्यकाल में अपहरण के मामलों में 52 फीसदी और छेड़छाड़ के मामलों में 80 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान कटारिया ने अनुसूचित जाति और जनजाति वर्गों पर बढ़ते अपराध के मामले को लेकर भी सदन में आंकड़े गिनाए.

'किसानों के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया'

अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की हितैषी बनती थी, लेकिन किसानों के नाम पर भी कुछ नहीं कहा. 10 दिन में कर्जामाफी की बात करने वाले सीएम गहलोत ने किसानों के फसली ऋण माफी का काम भी ढंग से नहीं किया. उन्होंने कहा, कि फसली ऋण माफी के काम में देर होने से अधिकतर किसानों को नया लोन नहीं मिल सका, जिसके कारण उन्हें किसान बीमा योजना का फायदा भी नहीं मिला.

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कटारिया ने पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में किसानों को दिए गए अनुदान का आंकड़ा और मौजूदा सरकार के कार्यकाल में दिए गए अनुदान का आंकड़ा भी सदन में रखा. उन्होंने पिछले बजट में हर ग्राम पंचायत पर नंदीशाला खोले जाने के प्रदेश सरकार के एलान पर भी कटाक्ष किया और कहा कि सरकार ने घोषणा तो कर दी, लेकिन उस पर अमल अब तक नहीं किया गया है.

'बेरोजगारों को रोजगार नहीं, संविदा कर्मियों को नियमित नहीं किया'

गुलाब सिंह कटारिया ने बेरोजगारों से किया गया सरकार का वादा भी याद दिलाया, तो वहीं संविदा कर्मियों को नियमित करने के अधूरे वादे की याद भी दिला डाली. कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार ने चुनाव से पहले विभिन्न विभागों में लगे संविदा कर्मियों से वादा किया कि उन्हें नियमित किया जाएगा, लेकिन जलदाय विभाग में लगे 10 हजार संविदाकर्मियों के साथ ही विभिन्न विभागों में लगे लाखों संविदाकर्मियों के नियमितीकरण की दिशा में अब तक कोई ठोस निर्णय कदम नहीं उठाया गया है.

'भिक्षावृत्ति पर नहीं लगी रोक, रिफाइनरी का भी नहीं है जिक्र'

नेता प्रतिपक्ष गुलाब सिंह कटारिया ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि पिछले बजट में जो वादे गहलोत सरकार ने किए थे, उस पर भी अब तक अमल नहीं हुआ है. फिर वे यपुर में भिक्षावृत्ति बंद कराने का वादा हो या फिर उदयपुर में किए गए विकास कार्यों का वादा. कटारिया ने कहा कि 1 साल से अधिक समय प्रदेश सरकार को हो गया, लेकिन अभिभाषण में बाड़मेर रिफाइनरी का जिक्र तक नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि कम से कम यह तो बताना चाहिए था कि रिफाइनरी की दिशा में कितना काम हुआ है.

'खाली पड़े हजारों पद लेकिन नहीं निकाली कोई भर्ती'

कटारिया ने अपने संबोधन में प्रदेश सरकार पर अब तक कोई भर्ती नहीं निकालने की भी बात कही. उन्होंने कहा, कि शिक्षा विभाग में हजारों भर्तियां पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुई है. वहीं कई अलग-अलग डिपार्टमेंट के लिए भी भर्ती की विज्ञप्तियां निकाली और उस पर काम शुरू किया गया. लेकिन मौजूदा सरकार के कार्यकाल में भर्ती के नाम पर कुछ नहीं हुआ है. नई भर्ती की घोषणा भी अधूरी ही रही है. कटारिया ने कहा कि आज भी शिक्षा विभाग में 70 हजार से अधिक विभिन्न पद खाली पड़े हैं.

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