जयपुर.प्रदेश में विधानसभा चुनाव में करीब पौने दो साल का समय शेष है. राजनीतिक दल और नेता अभी से तैयारियों में जुट गए हैं. कोई दौरों और प्रवास के जरिए तो कुछ विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए अपनी क्षमता दिखाने में जुटा है. इस बीच 'आप' और आरएलपी भी तीसरी शक्ति का दंभ भर रहीं हैं. हालांकि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस बीच साफ कर दिया है कि राजस्थान में मोदी का चेहरा ही भाजपा की जीत के लिए काफी है और तीसरा दल या मोर्चे का यहां कोई वजूद नहीं है.
राजे-पूनिया चुनावी तैयारी में जुटे, समर्थक सीएम चेहरा घोषित करने की कर रहे मांग
राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे इन दिनों खासी सक्रिय नजर आ रही हैं. पिछले कुछ माह की बात की जाए तो वसुंधरा ने उदयपुर भरतपुर सहित कई संभागों में दौरे कर वहां की सियासी नब्ज टटोलना शुरू कर दिया है. हाल ही में कोटा संभाग में भी राजे ने दौरे कर समर्थकों को एकजुट किया. कहने को ये राजे के व्यक्तिगत दौरे हैं लेकिन सियासत के जानकार कहते हैं इन्हीं दौरों के जरिए वसुंधरा राजस्थान में विरोधियों को एक बार फिर अपनी ताकत का एहसास करवा रहीं हैं.
पढ़ें.आप की नजर अब राजस्थान पर ...26 मार्च को विजय उत्सव के जरिए सियासी नब्ज टटोलने की तैयारी
उधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया लगातार अलग-अलग जिलों में संगठनात्मक दौरे कर रहे हैं. आलम यह है विधानसभा सत्र के दौरान भी पूनिया कई जिलों के दौरे कर आए हैं. मतलब वसुंधरा राजे संभाग में तो पूनिया संगठनात्मक मजबूती के लिए अलग-अलग जिलों में दौरे कर रहे हैं. इस बीच राजे समर्थक यह बयान देते आए हैं की राजस्थान में राजे से बड़ा कोई और चेहरा है ही नहीं. यही नहीं कार्यकर्ता अब मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा करने की भी मांग करने लगे हैं.
सियासी जानकार कहते हैं केवल राजे और पूनिया ही नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर सहित कुछ और बड़े चेहरे हैं जो 'सीएम फेस' की कतार में शामिल हैं लेकिन अब तक खुलकर मैदान में नहीं उतरे हैं.