जयपुर. धरियावद और वल्लभनगर उपचुनाव में भाजपा भले ही बुरी तरह हारी हो, लेकिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया मेवाड़ में भाजपा को कमजोर मानने से इनकार करते हैं. कटारिया के अनुसार दोनों जगह भाजपा प्रत्याशियों को जनता ने स्वीकार नहीं किया, लेकिन प्रदेश में तीसरी शक्ति या तीसरे विकल्प का दावा करने वाले कोई सपना ना देखें. उपचुनाव से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की दूरी और प्रत्याशी के चयन को लेकर उठे विवाद तक के मामलों में कटारिया ने ईटीवी भारत से खास बात की.
उपचुनाव से वसुंधरा की दूरी का नहीं पड़ा फर्क
कटारिया ने उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की दूरी से जुड़े सवाल पर कहा कि इसका उपचुनाव के परिणाम पर कोई फर्क नहीं पड़ा. क्योंकि उपचुनाव में पार्टी और कैंडिडेट ही महत्वपूर्ण होता है. कटारिया ने कहा बीजेपी में सामूहिक निर्णय होता है. एक व्यक्ति के निर्णय पर भाजपा नहीं चलती. सामूहिक निर्णय में वसुंधरा जी का भी एक पार्ट हो सकता है, लेकिन सबकुछ उनके अनुसार हो, ऐसा भाजपा में नहीं होता. उपचुनाव परिणाम के बाद वसुंधरा राजे समर्थक भवानी सिंह राजावत और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के बयानों पर कटारिया ने कहा की समर्थकों को किसी ना किसी के साथ रहकर बयान देना होता है. किसी के साथ रहेंगे तो ही कोई ना कोई फायदा होगा, लेकिन दिन बुरे हों या अच्छे, पार्टी के साथ रहेंगे तो पार्टी संगठन को ही फायदा होगा. मेरा यही कहना है.
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बीटीपी का थोड़ा बहुत असर लेकिन आरएलपी मेवाड़ में बेअसर
कटारिया ने कहा कि मेवाड़ क्षेत्र में पिछले 5 सालों में बीटीपी पार्टी ने उचित स्थानों पर अपना काम दिखाने में सफलता हासिल की है लेकिन यह चिंता का विषय नहीं, क्योंकि पंचायत राज चुनाव में भाजपा ने यहां बीटीपी के मुकाबले काफी बेहतर प्रदर्शन किया. हालांकि कटारिया आरएलपी का मेवाड़ क्षेत्र में कोई असर होने की बात स्वीकार नहीं करते. उनके अनुसार वल्लभनगर में आरएलपी ने भाजपा कार्यकर्ता को ही अपना प्रत्याशी बना लिया और जो कुछ वोट मिले वो आरएलपी को नहीं बल्कि भाजपा के उस प्रत्याशी के कामकाज और क्षेत्र में सक्रियता के कारण मिले. कटारिया ने यह भी कहा कि पूर्व में किरोड़ी लाल मीणा ने भी अपना दल बनाकर क्षेत्र में खूब हेलीकॉप्टर से दौरे किए, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई. क्योंकि राजस्थान में दो दलीय व्यवस्था है और तीसरे दल के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.