राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

जेलों में कोरोना विस्फोट के बाद सख्त हुई सरकार, गृह विभाग ने कोविड-19 अ​वधि के लिए जारी की गाइडलाइन - Rajasthan News

जेलों में हो रहे कोरोना विस्फोट को रोकने के साथ ही पुलिसकर्मियों और बंदियों की इस महामारी से सुरक्षा के लिए लेकर गृह विभाग के ग्रुप-12 की ओर से कोविड-19 अवधि के दौरान गिरफ्तार किए जाने वाले किसी व्यक्ति या अभियुक्त को लेकर महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए हैं.

राजस्थान सरकार न्यूज,  Rajasthan government news
गृह विभाग ने कोविड-19 अ​वधि के लिए जारी की गाइडलाइन

By

Published : May 21, 2020, 12:28 AM IST

जयपुर. सेंट्रल जेल और जिला जेल में बंदियों के कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद राज्य सरकार गंभीर हो गई है. जेलों में हो रहे कोरोना विस्फोट को रोकने के साथ ही पुलिसकर्मियों और बंदियों की इस महामारी से सुरक्षा के लिए लेकर गृह विभाग के ग्रुप-12 की ओर से कोविड-19 अवधि के दौरान गिरफ्तार किए जाने वाले किसी व्यक्ति या अभियुक्त को लेकर महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए हैं.

गृह विभाग ने कोविड-19 अ​वधि के लिए जारी की गाइडलाइन

गृह विभाग की ओर से मानक संचालन प्रक्रिया यानि एसओपी निर्धारित करते हुए परिपत्र जारी किया है, जिसके मुताबिक किसी व्यक्ति या अभियुक्त को गिरफ्तार करने के दौरान इन दिशा निर्देशों की पालना करनी होगी. विभाग की ओर से जारी एसओपी के मुताबिक किसी अभियुक्त या व्यक्ति की गिरफ्तारी करते समय उसे कैप और मास्क पहनाना चाहिए.

पढ़ें-यूपी के अधिकारीयों के खिलाफ मुकदमा तो बनता हैः मंत्री सुभाष गर्ग

साथ ही अभियुक्त की गिरफ्तारी और तलाशी के दौरान पुलिसकर्मियों को मास्क और दस्तानों का प्रयोग करना होगा. पुलिस लॉकअप में एक फीसदी सोडियम हाईपोक्लोराइड का ​छिड़काव कर सेनिटाइज करना होगा. सामाजिक दूरी की पालना भी करनी होगी. हर बार लॉकअप से किसी बंदी को मुक्त करने के बाद दूसरे बंदी को उसमें रखने से पहले लॉकअप को सैनिटाइज करना होगा. बंदी की ओर से उपयोग किए जाने वाले कंबल इत्यादि की धुलाई करवानी होगी. नए बंदी को अलग से नया कंबल और वस्तुएं देनी होंगी.

गृह विभाग ने कोविड-19 अ​वधि के लिए जारी की गाइडलाइन

यह ​सब भी करना होगा

  • गिरफ्तार किए गए व्यक्ति या अभियुक्त के लिए न्यायिक अभिरक्षा के आदेश लेने के लिए उसे जल्द से जल्द वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या व्यक्तिग रूप से मजिस्ट्रेट या न्यायालय के समक्ष पेश करना होगा.
  • मजिस्ट्रेट या न्यायालय से आदेश मिलने के बाद जिला अस्पताल में जेल वार्ड या आईसोलेशन वार्ड में आरटी पीसीआर जांच के लिए अभियुक्त को ले जाया जाएगा. यह जांच मुख्य चिकित्सा अधिकारी या प्रमुख चिकित्सा अधिकारी की ओर से नियुक्त मेडिकल टीम करेगी.
  • अभियुक्त के जिला आइसोलेशन वार्ड में भर्ती रहने के दौरान जांच रिपोर्ट आने तक उसकी निगरानी के लिए जिला पुलिस की ओर से पुलिस गार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे.
  • अभियुक्त के पॉजिटिव आने पर कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
  • जांच में निगेटिव आने पर अभियुक्त को जिला या केन्द्रीय कारागृह में भेजा जाएगा. जहां उसे जेल में अलग से बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में 21 दिन तक रखा जाएगा. जहां उसकी नियमित मेडिकल जांच करवाई जाएगी.
  • जेल के आइसोलेशन वार्ड में 21 दिन रखने के बाद फिर से अभियुक्त की जांच करवाई जाएगी. जांच में निगेटिव आने और जमानत मिलने पर उसे 14 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन ​किया जाएगा. अगर जमानत अर्जी न्यायालय से अस्वीकार होती है तो ऐसे अभियुक्त को कारागार के सामान्य वार्ड में स्थानांतरित किया जाएगा.

न्यायालय से आदेश लेना होगा

न्यायालय की ओर से अगर अभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया जाता है और पुलिस को ऐसे किसी व्यक्ति या अभियुक्त की जरूरत अग्रिम अन्वेषण के लिए होगी तो उसे न्यायालय की आज्ञा से ही पुलिस अभिरक्षा में लिया जा सकेगा. केवल अति​ आवश्यक परिस्थितियों में कोविड अवधि में पुलिस रिमांड लिया जाएगा. फिर से उसे कारागार भेजने पर पुन: वही प्रक्रिया अपनाई जाएगी.

बंदियों का नियमित चेकअप होगा

जेल अधिकारी या जेल कर्मचारी के आइसोलेशन वार्ड के बंदियों से सीधे संपर्क में आने की स्थिति में कार्मिकों के परिजनों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए जेल कार्मिकों और उनके परिजनों का नियमित रूप से रेंडम टेस्ट करवाया जाएगा.

चिकित्सा अधिकारी जेल में आईसोलेशन वार्ड में निरूद्ध बंदियों का नियमित चेकअप करेंगे. आइसोलेशन वार्ड को स्वच्छ बनाए रखने के लिए जरूरी उपाय करने होंगे. जेल के चिकित्सा अधिकारी आइसोलेशन वार्ड के कैदियों का नियमित चेकअप करते हुए उनका रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए गए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details